Corona effect : डॉक्‍टरों को सताने लगा कोरोना का भय, अधिकांश नर्सिंग होम और क्लीनिकें बंद

भागलपुर, जेएनएन। कई डॉक्टर और उनके कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव होने पर शहर के दर्जनों क्लीनिकों को बंद कर दिया गया है। डॉक्टरों ने कहा कि पता नहीं कौन मरीज पॉजिटिव हो और क्लीनिक में आ जाय। कितनी भी सुरक्षा की जाएगी खुद को बचा पाना मुश्किल होगा। इसलिए क्लीनिक बंद करना ही एक उपाय है।

फिजीशियन, सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, ईएनटी, चर्म रोग विशेषज्ञों की क्लीनिकें बंद हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञों की कुछ क्लीनिकें खुली हैं। मायागंज अस्पताल और निजी क्लीनिकों के 14 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। इसके अलावा 20 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मचारी भी पॉजिटिव है। खासकर जिन डॉक्टरों की उम्र 60 से ज्यादा है उन्होंने तत्काल क्लीनिकें बंद कर दी हैं। इसके अलावा 50 वर्ष से कम उम्र के डॉक्टर भी अब कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहे हैं। तिलकामांझी हटिया रोड, पटल बाबू रोड, अमूल्य घोष लेन, एमपी द्विवेदी रोड, मुंदीचक, खरमनचक आदि इलाकों की क्लीनिकों और नर्सिंग होम को बंद किया गया है। आईएमए के सचिव डॉ. वीरेंद्र कुमार बादल ने कहा कि शहर की 60 फीसद क्लीनिकें बंद हैं। फिजीशियन डॉ. संदीप लाल ने कहा कि क्लीनिक खोलना खतरा से खाली नहीं है। पिछले दिनों पांच ऐसे मरीजों का इलाज किया गया जो कोरोना पॉजिटिव निकले। बाद में यह जानकारी मिली। तिलकामांझी रोड में एक नर्सिंग होम को इसलिए बंद करना पड़ा कि इलाजरत मरीज की जब जांच की गई तो वह पॉजिटिव मिला।
ऑन लाइन किया जा रहा इलाज
कई डॉक्टर ऑन लाइन मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इनमें वरीय फिजीशियन सहित चर्म रोग, दंत रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं। दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि मेरी उम्र 70 से ज्यादा हो गई है। इस स्थिति में मरीजों का इलाज करना संभव नहीं है। क्योंकि कभी भी कोरोना से संक्रमित हो सकता हूं, इसलिए जब मरीज फोन करता है तो दवा की जानकारी दी जाती है।

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