फौजियों की कैंटीन वापस करने के लिए भूतपूर्व सैनिक संघ ने भारत सरकार को लिखा पत्र, हो रही यह परेशानी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। फौजियों के सीएसडी कैंटीन मुजफ्फरपुर में बरकरार रखने के लिए भूतपूर्व सैनिक संघ ने भारत सरकार को पत्र लिखा है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, राजपाल, मेजर जनरल जम्मू कश्मीर, जीओसी सब एरिया दानापुर आदि को ई-मेल के जरिए अवगत कराया है। संघ के अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह ने कहा है कि, मुजफ्फरपुर में सीएसडी कैंटीन ब्रिटिश काल से पदस्थापित हैं। फिर जम्मू के नगरोटा में ले जाने की क्या आवश्यकता पड़ गई। जबकि वहां कई सीएसडी कैंटीन पहले से पदस्थापित हैंं।

उत्तर बिहार में 35000 से अधिक पूर्व सैनिक
मुजफ्फरपुर सीएसडी कैंटीन की बिक्री प्रति माह एक करोड़ रुपये से अधिक होती है। उत्तर बिहार में 35000 से अधिक पूर्व सैनिक एवं उनके डेढ़ लाख आश्रित लाभान्वित होते हैं। प्रति माह जरूरत के सामान के लिए कैंटीन पर निर्भर रहते हैं। पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण तक के पूर्व सैनिक पांच-सात घंटे की दूरी तय कर रोजमर्रा के सामानों के लिए आते हैं। सीएसडी कैंटीन यहां से हटने के बाद अब पूर्व सैनिकों को काफी दूरी तय कर पटना के दानापुर सीएसडी कैंटीन जाना पड़ेगा। बेतिया और बगहा की तरफ के पूर्व सैनिकों को पटना जाने में पूरी दिन लग जाएगा। उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर सहित अन्य जिले के पूर्व सैनिकों दानापुर जाना काफी महंगा पड़ जाएगा। इससे उनपर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। इस संकट से उबारने के लिए पूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है।
पूर्व सैनिकों को अब टैक्स देकर खरीदना पड़ेगा सामान
पूर्व सैनिक संगठन, पूर्व सैनिक संघ और एयर फोर्स एसोसिएशन मुजफ्फरपुर चैप्टर ने भी अलग-अलग पत्र लिखकर उच्चाधिकारियों से सीएसडी कैंटीन मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। पूर्व सैनिक संघ के संरक्षक द्वय मेजर जेनरल अशोक कुमार सिन्हा (सेवानिवृत्त) और कमांडर शशांक शेखर (सेवानिवृत्त) ने भी अपने अपने स्तर से ऊपर के अधिकारियों को कैंटीन शिफ्टिंग से उत्पन्न स्थिति और इसके समाधान को लेकर अनेक सुझाव दिए हैं। वरिष्ठ सेना अधिकारियों से इस विषय पर गंभीरता से लेने का आग्र्रह किया है।
आर्मी भर्ती बोर्ड का कार्यालय महत्वपूर्ण
संघ के अध्यक्ष ने कहा कि यहां 151 टीए बीएन (जेएटी) युवाओं के भर्ती में काफी महत्व रखता है। यहां से हर साल सैकड़ों युवा फौज में भर्ती होकर देश के विभिन्न कोने में मां-भारती की रक्षा के लिए सीना ताने खड़े हैं। चीन और नेपाल के हालातों पर मुजफ्फरपुर विशेष नजर रखता है। इसके बावजूद पूर्व सैनिक और वर्तमान सैनिक सीएसडी की सुविधा से महरूम हो गया।
इन जिलों में इतने पूर्व सैनिक
मुजफ्फरपुर में-- 7500
सीतामढ़ी में -- 2300
वैशाली में -- 6500
दरभंगा में -- 2500
मधुबनी में-- 2700
समस्तीपुर में-- 3300
पूर्वी चंपारण में 4000
पश्चिमी चंपारण में 2200

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