शेखपुरा। दहशत पैदा कर रही कोरोना महामारी के बीच जिला में प्रशासनिक समन्वय की कमी लोगों को खलने लगी है। इस तरह की स्थिति में अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी का असर गुरुवार को शेखपुरा की सड़कों पर साफ-साफ दिखा।
जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी मीडिया से मुंह चुरा रहे हैं। गुरुवार को बिना घोषित ही शहर की सड़कों पर कर्फ्यू का नजारा दिखा। उहापोह की वजह से गुरुवार को शहर में जरूरी दुकानें भी नहीं खुली। प्रशासनिक डंडे के भय से लोग भी घरों में बंद रहे। असल में यह दुविधा तथा असमंजस नगर परिषद की वजह से पैदा हुआ। नगर परिषद ने बुधवार को समूचे शहर में गुरुवार से शनिवार तक पूरे 72 घंटे के पूर्ण लॉकडाउन का आदेश जारी कर दिया। इसको लेकर समूचे बाजार में नप ने खुद प्रचार भी किया। जबकि जिला के वरीय अधिकारियों ने नप की कार्यवाही पर अनभिज्ञता जाहिर की। नप के तीन दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा से शहर में अचानक हड़कंप मच गया। जब मीडिया में यह बात आई तब गुरुवार की सुबह प्रचार वाहन निकालकर नप ने खुद एक दिन पुराने अपने आदेश को वापस ले लिया तथा पहले की तरह सुबह 9 से दोपहर बाद 5 बजे तक आवश्यक दुकानें खोलने की अपील की। इस बीच नप के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश दयाल ने कहा बुधवार को किसी व्यक्ति ने निजी तौर पर तीन दिनों के लॉकडाउन का प्रचार कर दिया था।
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Posted By: Jagran
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