डीईओ कार्यालय में लाखों की अनियमितता, जांच टीम गठित

अररिया। पिछले दो साल से जिले की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। डीईओ कार्यालय के कर्मियों की अपनी मनमानी चलती रही। नियमों का ताक पर नित्य दिन नए-नए कारनामे सामने आते रहे हैं। चाहे स्कूल में पठन-पाठन से संबंधित शिक्षकों की मनमानी का मामला हो या सरकारी योजनाओं के संचालन का। हमेशा से शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में रहा है। नए डीईओ के रूप में राजकुमार के पदभार ग्रहण करते ही अनियमितता का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आने लगा है। ताजा मामला शिक्षकों के वेतन मद की राशि बंदरबांट का सामने आया है। नव पद स्थापित डीईओ के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया और जांच टीम गठित कर पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है। आरोप है कि डीईओ कार्यालय के लिपिक मृत्युंजय कुमार ने अधिकारी को अंधेरे में रखकर न सिर्फ त्याग पत्र देने वाले शिक्षकों का वेतन भुगतान करा दिया बल्कि मृत शिक्षकों को भी लगतार वेतन भुगतान किया गया। इसके अलावे एक दर्जन से अधिक शिक्षकों का मनमाने ढंग से भुगतान हुआ है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए डीईओ ने नव पदस्थापित डीपीओ स्थापना देवनंदन तांती और डीपीओ एमडीएम सह डीपीओ एसएसएस प्रवीण कुमार को जिम्मेदारी दी है। उन्होंने जांच टीम के अधिकारी को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अब्दुल कुद्दूस, वरीय उपाध्यक्ष सज्जाद आलम आदि ने डीईओ, डीएम सहित अन्य वरीय अधिकारी को अवगत कराया है कि डीईओ कार्यालय के कर्मी मृत्युंजय कुमार द्वारा सरकारी राशि की जमकर बंदरबांट की गई है। प्राथमिक विद्यालय सूर्यापुर के पूर्व शिक्षक शहनवाज आलम का लेक्चररशिप हो जाने के बाद शिक्षक पद पर त्याग पत्र दिया था। बावजूद शहनवाज का वेतन भुगतान किया गया। इसी प्रकार उमवि रामपुर कोदरकट्टी के शिक्षक संजय कुमार को भी त्याग पत्र देने के बाद वेतन भुगतान किया गया। इतना ही नहीं प्राथमिक विद्यालय कालीबाजार अररिया के पूर्व शिक्षक स्व. अमरनाथ मिश्र के मृत्यु के उपरांत डीईओ कार्यालय से वेतन भुगतान होता रहा। जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र भी डीडीओ के माध्यम से कार्यालय को उपलब्ध कराया गया था। इसके अलावे नियमित शिक्षकों को वार्षिक बृद्धि माह जुलाई से देने का प्रावधान है। परंतु 34500 कोटि के सभी शिक्षकों को माह माह जून 2019 से ही वार्षिक वेतन बृद्धि का लाभ दिया गया। 20500 के बदले 46700 रुपये का हुआ भुगतान:

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जानकारों की मानें तो जोकीहाट प्रखंड के उमवि पेचैली के शिक्षक कामरान आलम का वेतन 20 हजार पांच सौ रुपया है। उन्हें 46 हजार छह सौ रुपये तथा उमवि डोमरिया प्रसादपुर के शिक्षक रौशन कुमार को 49 हजार रुपये के बदले 66 हजार रुपये की दर से डीईओ कार्यालय से भुगतान हुआ है। शिक्षिक असगरी खातून को आवास भत्ता के रूप में 56 सौ रुपये दिए जाने हैं परंतु उन्हें 56 हजार रुपये आवास भत्ता के रूप में भुगतान किया गया। इसके अलावे ऐसे एक दर्जन से अधिक शिक्षक हैं जो करीबी थे उन्हें वेतन से अधिक राशि दी गई और कुछ शिक्षकों को मूल वेतन से भी कम भुगतान किया गया है। इसके अलावे आरोपित कर्मी पर कई अन्य संगीन आरोप है। संघ के सदस्यों का कहना है कि जांच में सारी अनियमितता साबित होगी। साक्ष्य के रूप बैंक स्टेटमेंट व अन्य कागजात अधिकारी को उपलब्ध कराया गया है। कोट- डीईओ कार्यालय के कर्मी द्वारा सरकारी राशि की जमकर हेराफेरी की गई है। साक्ष्य सहित डीईओ, डीएम सहित विभाग के अन्य वरीय अधिकारी को आवेदन दिया गया है। सभी आरोप सत्य है अधिकारियों के जांच में सारी सच्चाई समाने आ जाएगी।
-अब्दुल कुद्दुस, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ अररिया। कोट -
जांच का आदेश मिला है। डीईओ कार्यालय के एक कर्मी पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। संबंधित कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। निष्पक्ष रूप से जांच पूरी कर वरीय अधिकारी को रिपोर्ट सौंपा जाएगा। जो भी दोषी होंगे उसके विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा जाएगा। -प्रवीण कुमार, डीपीओ एमडीएम अररिया।
Posted By: Jagran
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