Banka assembly election : संभावित दावेदार और गठबंधन पर सियासी संग्राम, सोशल साइट पर प्रत्‍याशी भी तय

बांका, जेएनएन। Banka assembly election : मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की समय पर विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा के बाद सोशल साइटों पर अचानक सियासी संग्राम शुरू हो गया है। लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण बढऩे से सबको अब विधानसभा चुनाव की तिथि आगे बढऩे की उम्मीद थी।

इस बयान के बाद संभावित दावेदार और गठबंधन बिना देर किए सोशल साइट पर ही सियासी संग्राम में उतर आए हैं। इसमें प्रत्याशी अपने समर्थकों के माध्यम से लगातार पोस्ट डलवाकर अपनी दावेदारी मजबूत करा रहे हैं। राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर अभी भले ही गठबंधन की तस्वीर तय नहीं हो, लेकिन दावेदारों के समर्थक एक-एक सीट पर अपने प्रत्याशी की दावेदारी को पक्का बता रहे हैं। कोई फलां सीट गठबंधन से किसी दल को बांट रहा है तो कोई इससे आगे बढ़ कर प्रत्याशी तक घोषित कर दे रहा है। सबसे अधिक मारामारी बांका सीट पर हो रही है। कई पोस्टों में भाजपा की सीट काटी जा रही है। इसके जवाब में भाजपा और जदयू के प्रत्याशी भी सुझाए जा रहे हैं। इस सीट पर यूपीए की भी कम मारामारी नहीं है। इस गठबंधन से एक दल के संभावित प्रत्याशी के कई समर्थक सोशल साइटों पर मोर्चा संभाले हुए हैं। इस सीट पर भाजपा और राजद का लडऩा लगभग तय है। भाजपा में दूसरा कोई चेहरा भी सामने नहीं है।
सोशल साइट पर सबसे अधिक मोर्चाबंदी अमरपुर सीट की हो रही है। पिछले दोनों प्रत्याशियों के अलावा भी दर्जन भर से अधिक दावेदार सोशल साइट पर अवतरित हो चुके हैं। कोई जदयू से सीट छीन रहा है तो कोई राजद की सीट छीन रहा है। समर्थक अभी जितना दांव लगा लें, लेकिन यह सीट भी जदयू और राजद से दूर जाती नहीं दिख रही है।
धोरैया एससी सीट का युद्ध सोशल साइट पर कम दिख रहा है। दोनों धड़ों के पास कोई मजबूत विकल्प नहीं दिख रहा है। हां, कुछ मतदाता अपनी भड़ास जरूर निकाल रहे हैं। बेलहर उपुचनाव में जदयू की हार पर भाजपा प्रत्याशी समर्थक ज्यादा सक्रिय हैं, पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। राजद में दूसरे दावेदार सामने नहीं हैं। कटोरिया एसटी सीट पर भी शांति हैं। भाजपा और राजद के पुराने चेहरे ही विभिन्न माध्यमों से चमक रहे हैं।

अन्य समाचार