बूढ़ी गंडक का जलस्तर लाल निशान से 1.10 मीटर ऊपर

छौड़ाही (बेगूसराय) : बूढ़ी गंडक नदी पहले ही खतरे के लाल निशान को पार कर चुका है। अब जलस्तर खतरे के निशान 42.63 मीटर से एक मीटर 10 सेंटीमीटर ऊपर 43.73 मीटर पर पहुंच चुका है। नेपाल द्वारा चार लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने एवं जल ग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही मध्यम से भारी बारिश के कारण नदी में पानी के बढ़ोतरी की रफ्तार तेज हो गई है। दूसरी तरफ बारिश के कारण तमाम जगहों पर तटबंध में रेनकट हो गया है। वहीं दर्जनों जगहों पर तटबंध के आर पार सुराग भी हो गए हैं।

तेज रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर

बूढ़ी गंडक का जलस्तर 24 घंटे के दौरान 30 सेंटीमीटर बढ़ गया है। पहले यह प्रतिघंटे एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही थी। चार दिन का जलस्तर निम्नलिखित है।
गुरुवार 43.73
बुधवार 43.44
मंगलवार 43.24
सोमवार 43.06
डूबी फसल अब आशियाने की चिता
बूढ़ी गंडक के जलस्तर में तेज रफ्तार बढ़ोतरी से तटबंध के अंदर के क्षेत्र में लगी मक्के की फसल, सब्जी, हराचारा आदि की सैकड़ों एकड़ फसल नदी के आगोश में समा गई है। तटबंध में सैकड़ों जगह रेनकट और सुराख होने के कारण तटबंध के बाहर सटकर घर बनाए लोगों की बेचैनी भी बढ़ गई है। सभी सुरक्षित स्थान की तलाश में लग गए हैं। दर्जनों लोगों ने तटबंध पर झोपड़ी खड़ी कर शिफ्ट हो चुके हैं। नुरुल्लाहपुर, बेगमपुर, बाड़ा, मिर्जापुर, बरियारपुर, फफौत, आकोपुर, मेघौल, बसही, पबड़ा गांव के पास तटबंध की स्थिति ठीक नहीं है।
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कहता है फ्लड कंट्रोल विभाग
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल रोसड़ा के सहायक अभियंता चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि तेज बारिश के कारण तटबंध में बने रेनकट और सुराख को भरने का काम किया जा रहा है। अधिकारी और कर्मचारी दिनरात निरोधात्मक कार्य में लगे हुए हैं।
Posted By: Jagran
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