राजस्थान: अशोक गहलोत ने कहा, जनता ने राजभवन गहरा तो उनकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं

पायलट गुट को अयोग्य घोषित करने के स्पीकर के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मीडिया के सामने आए और उन्होंने राज्यपाल से निवेदन किया कि वो विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति दें.

उन्होंने कहा कि वो सभी विधायक मिलकर राज्यपाल के पास जा रहे हैं और उनसे निवेदन करेंगे कि वो जल्द सदन बुलाने का फ़ैसला लें वरना हो सकता है कि पूरे देश की जनता राजभवन को घेरने आ गई तो उनकी ज़िम्मेदार नहीं है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से जल्द से जल्द सत्र बुलाने के लिए कहा था लेकिन वो दबाव में लगते हैं. साथ ही गहलोत ने कहा कि राज्यपाल आदेश जारी करें वरना राज्य की जनता ने अगर राजभवन को घेरा तो उनकी ज़िम्मेदारी नहीं है.
उन्होंने कहा, "राज्यपाल महोदय को पत्र लिखकर निवेदन किया था कि वो विधानसभा का सत्र बुलाएं और वित्त मामलों समेत सभी विषयों पर चर्चा हो. हमें उम्मीद थी कि वो रात तक आदेश जारी कर देंगे. रात भर इंतज़ार किया लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया. यह हमारी समझ के परे है कि साधारण प्रक्रिया जो अपनाई जाती है उसको न अपनाने का कोई कारण नहीं है. हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण मजबूर में वो विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश नहीं दे रहे हैं."
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पहले न्यायपालिका से लेकर हर कोई विधानसभा में फ़्लोर टेस्ट की मांग कर रहा था और अब वो फ़्लोर पर जाना चाहते हैं जहां दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा और पूरे देश को पता चल जाए.
उन्होंने बीजेपी पर सरकार अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि निचले स्तर पर जाकर राजनीति हो रही है और उन्होंने 'ऐसा नंगा नाच कभी देखा नहीं जो आज देखने को मिल रहा है.'
सचिन पायलट गुट को राहत, हाईकोर्ट का 'यथास्थिति बरक़रार' रखने का आदेश
राजस्थान विधानसभा से अयोग्य ठहराने के स्पीकर के नोटिस को चुनौती देने वाली सचिन पायलट गुट की याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट ने 'यथास्थिति बरक़रार' रखने का आदेश दिया है.
इसके बाद स्पीकर के नोटिस पर रोक लग गई है और सचिन पायलट और उनके 18 समर्थक विधायकों की सदस्यता पर फ़िलहाल कोई ख़तरा नहीं है.
वहीं, इससे पहले हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच ने केंद्र सरकार को इस मामले में पार्टी बनाने को कहा है.
हाईकोर्ट के फ़ैसले से तकरीबन 11 घंटे पहले पायलट और उनके गुट ने केंद्र को इस मामले में पार्टी बनाने की याचिक दायर की थी उन्होंने इसके लिए तर्क दिया था कि यह संवैधानिक संशोधन को चुनौती है इसलिए इसमें केंद्र एक पक्षकार के तौर पर होना चाहिए.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, स्पीकर सीपी जोशी के वकील प्रतीक कस्लीवाल ने कहा कि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल कोर्ट में केंद्र की ओर से पेश होंगे.
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source: bbc.com/hindi

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