पटना में कोरोना को लेकर कोहराम मचा, कोई भी सेवा नहीं, मरीज हॉस्पिटल के बाहर दम तोड़ रहे हैं

पटना:राजधानी पटना में कोरोना का कहर जारी है।सिर्फ कोरोना टेस्ट मैं 10 से 12 दिन का समय लग रहा है। ऐसे में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ते जा रहा है ।और लोग दम तोड़ रहे हैं। यहां पर कोरोना कंट्रोल नहीं हो रहा है।आज फिर कोरोना के 561 नए मरीज मिले हैं।पटना में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 4786 पर पहुंच गया है. 2273 कोरोना के एक्टिव केस है. 35 लोगों की मौत कोरोना से सिर्फ पटना जिले में हो चुकी है।

पटना में कभी कोरोना के 400 तो कभी 500 के करीब मरीज हर दिन मिल रहे हैं। सरकार कोरोना को कंट्रोल करने में फेल हो चुकी है।लॉकडाउन के बाद भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।सड़कों पर लॉकडाउन को कड़ाई से पालन कराने वाले बिहार पुलिस के जवान नहीं दिखते।पटना के करीब 500 से अधिक जवान संक्रमित हो चुके हैं। कई थानों के थानेदार और दारोगा खुद होम क्वॉरेंटाइन हैं।
इसके कारण पटना में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है।
हॉस्पिटल में जगह नहीं गेट पर दम तोड़ रहे मरीज
पटना के हॉस्पिटलों में कोरोना मरीजों के लिए जगह कम पड़ रहा है।कही जगह है भी तो पर्ची कटाने में तीन घंटा का समय लग रहा है।ऐसे में कोरोना मरीज या संदिग्ध मरीज की मौत हॉस्पिटल के गेट पर पर्ची के इंतजार में हो जा रही है। बुधवार को ऐसा ही हुआ। नालंदा से आए कोरोना संदिग्ध मरीज को पटना के किसी हॉस्पिटल ने भर्ती नहीं लिया। जब वह किसी तरह एनएमसीएच गया तो सरकारी सिस्टम ने उसकी जान ले ली।गंभीर मरीज की पर्ची के इंतजार में तीन घंटे लग गए और आखिरकार उसकी मौत हो गई।

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