बाढ़ से उत्तर बिहार की स्थिति भयावह, लेकिन सरकार गंभीर नहीं : शरद यादव

पटना 24 जुलाई (हि.स.)। पूर्व सांसद शरद यादव ने उत्तर बिहार में आई बाढ़ को भयावह बताया और इससे निपटने के लिए सरकार की गंभीरता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि उत्तर बिहार में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। बाढ़ की चपेट में बिहार के 10 जिले आ गए हैं। प्रभावित जिलों में सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, सहरसा और मधेपुरा शामिल हैं। इन दस जिलों में कई सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। लोगों के घरों और कार्यालयों में पानी भर गया है। कई जगहों पर आवागमन बिल्कुल ठप हो गया है। हालात बहुत गंभीर बने हुए हैं। लगातार बारिश के चलते कोसी बैराज के 56 में से 48 फाटक को खोल दिये गये। बाढ़ की स्थिति अगले कुछ दिनों में और बिगड़ने की आशंका है।

यादव ने कहा कि नेपाल से बिहार आने वाली नदियां उफान पर हैं। गंडक, कोसी, बागमती, लखनदेई, बूढ़ी गंडक जैसी नदियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है। पानी के तेज बहाव से सड़कों का संपर्क टूट गया है। लगातार हल्की बारिश के बीच नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। राज्य में आधा दर्जन नदियां कहीं ना कहीं लाल निशान से ऊपर ही बह रही हैं। बिहार की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। एक तरफ सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए और इंसान को इंसान ना समझने वाले दृश्य राज्य में देखने को मिल रहे हैं जो बहुत ही दर्दनाक और दयनीय है और दूसरी तरफ बाढ़ जोकि मालूम है हर साल विनाश करती है उसके लिए भी गंभीर रूप से सरकार तैयार नहीं थी। यादव ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था, राज्य में साफ सफाई का मामला हो या जो भी जनहित का प्रश्न हो, आज केन्द्र और बिहार की एनडीए सरकार विफल साबित हुई है और जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर

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