बारिश और बाढ़ ने बढ़ाई किसानों की चिता

मधेपुरा। कई दिनों से हो रही बारिश से प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। अत्यधिक बारिश होने के कारण प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बहियार में सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब गई है। कई बहियारों में जलजमाव के कारण धान की फसलें डूबने के कगार पर हैं। गांव-गांव,टोले-टोले में जलजमाव के कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। फुलौत में कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे बढ़ोत्तरी से प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। अब किसानों के समक्ष खेतों में लगे धान सहित बिचड़ा बचाने की चुनौती बढ़ती जा रही है। कोसी नदी के जल स्तर में वृद्धि होने से प्रखंड अंतर्गत सपरदह,औराय,दुर्गापुर एवं पुरैनी पंचायत के दर्जनों गांव एवं टोले के निचले इलाके में पानी बढ़ना शुरू हो गया है। अतिवृष्टि के कारण लोग बाढ़ के भय से काफी सहमे हुए हैं। अत्यधिक बारिश एवं कोसी नदी के पानी फैलने से सपरदह पंचायत के सपरदह,तिरासी,औराय पंचायत के मुसहरिया चौर,पूर्वी एवं पश्चिमी खेरहो,दुर्गापुर के तेलियारी, पुरैनी पंचायत के अम्भोबासा,नरदह पंचायत के नरदह, दुहबी-सुहबी,नयाटोला सहित विभिन्न बहियार बाढ़ एवं बारिश की पानी से जलाशय में तब्दील होने से सैंकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। निचले इलाके में जहां खेतों में लगे धान नष्ट हो चुके है। वहीं धान की रोपनी प्रभावित है। साथ ही बिचड़े को बचाने के लिए किसान जद्दोजहद कर रहे हैं। धान के बिचडे़ अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण गलकर नष्ट हो जाने से धान की रोपनी में व्यवधान उत्पन्न हो चुका है। वहीं बारिश की रफ्तार के बीच नये बिचडे़ पैदा कर धान की खेती कर पाना मुश्किल ही नही जटिल हो गया है।

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Posted By: Jagran
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