बिहार में गंडक नदी का कहर : सारण तटबंध टूटा, नेपाल से छोड़े गए पानी से 34 गांव !

बिहार में गंडक नदी का कहर : सारण तटबंध टूटा, नेपाल से छोड़े गए पानी से 34 गांव । 

नेपाल ने गंडक नदी में चार लाख 36 हजार घनसेक पानी छोड़ा तो सारण और चंपारण तटबंध तीन जगह टूट गए। इसके अलावा कई जगहों पर पानी बांध के ऊपर से बहने लगा। गोपालगंज जिले के मांझागढ़ में सारण तटबंध दो स्थानों पर ध्वस्त हो गया। इससे 34 गांव जलमग्न हो गए। उधर, रेल पुल से बाढ़ का पानी टकराने के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया है। समस्तीपुर से ट्रेनें अब सीतामढ़ी रूट होकर चलाई जा रही हैं। वहीं पूर्वी चंपारण के सुगौली में भी रेल ट्रैक पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है, हालांकि यहां किसी तरह परिचालन जारी रखा गया है। गोपालगंज जिले र्में रग,पायलट व जमींदारी बांध बरौली, गोपालगंज सदर,मांझागढ़ व बैकुंठपुर में टूट गया। गुरुवार की रात को देवापुर में व पुरैना में सारण तटबंध के टूट जाने से बरौली के 20, सिधवलिया के 4, मांझागढ़ के 5 व बैकुंठपुर के 5 नए गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। करीब दस हजार घरों में पानी घुस गया है।  इन गांवों में रात में लोग सोए थे। सुबह उठे तो चारों ओर पानी ही पानी था। बाढ़ का पानी लगातार नए इलाके में फैलता जा रहा है।गांवों से बाढ़ पीड़ित लगातार पलायन कर रहे हैं। देवापुर में बाढ़ के पानी में डूबने से एक बारह वर्षीय किशोर की मौत हो गई। बाढ़ग्रस्त इलाके से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की तीन टीमें लगाई गई हैं।  हालांकि शुक्रवार को वाल्मीकीनगर बराज पर गंडक का डिस्चार्ज घटकर दो लाख 42 हजार घनसेक आ गया है। लिहाजा उम्मीद है कि दो दिन में पानी उतर जाएगा। इस बीच मोबाइल बंद रखने के कारण मोतिहारी के कार्यपालक अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। 
हेलीकॉप्टर से बाढ़ पीड़ितों को दिए जाएंगे फूड पैकेटपटना। राज्य के दस जिलों के 67 प्रखंडों की 435 पंचायतों के आठ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। राहत-बचाव कार्य निरंतर चलाए जा रहे हैं। कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां पर फूड पैकेट पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। ऐसी जगहों पर हेलीकॉप्टर से पैकेट पहुंचाए जाएंगे। राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय से हेलीकॉप्टर की मांग की है। शनिवार को हेलीकॉप्टर के पहुंचने की उम्मीद है।मंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षणजल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, विभाग के सचिव संजीव हंस और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को हवाई सर्वे का स्थिति की जानकारी ली। लौटने के बाद श्री झा ने बताया कि मौसम की खराबी के कारण हमलोग नीचे उतर नहीं पाये, लेकिन इतना जरूर दिखा कि गंडक ने इस बार नया रिकार्ड बनाया है। जान- माल की क्षति नहीं हुई है। इंजीनियरों ने बांध को बचाया
मंत्री ने बताया वाल्मीकिनगर बराज पर गंडक में 4.36 लाख घनसेक पानी आ गया। इसके बाद बिहार में भी गंडक के जलग्रहण क्षेत्र में औसतन दो सौ मिमी तक वर्षा हुई। इससे एक लाख घनसेक पानी गंडक में आ गया। लिहाजा संग्रमपुर और बगहा के अलावा गोपालगंज के देवापुर में बांध टूट गया। पानी का दबाव बढ़ने के साथ ही कई जगह रिसाव होने लगा था। लेकिन, रातभर पेट्र्रोंलग कर रहे इंजीनियरों ने बांध को बचा लिया। 

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