नमस्कार दोस्तों हमारे चैनल पर आपका स्वागत है अगर आप हमारे चैनल पर पहली बार आये हैं तो चैनल को फॉलो जरुर करें | आज हम बात करेंगे Android 11 Update की ।
दोस्तों आपको पता होगा Google ने स्मार्टफोन्स के लिए नया ऑपरेटिंग सिस्टम Android 11 का बीटा वर्जन लॉन्च किया है | लेकिन नयी खबर यह है की, Google के नये एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को 2GB से कम रैम वाले स्मार्टफोन के लिए रोल आउट नहीं किया जाएगा |
आपको बता दूँ, XDA डेवलपर्स ने Android 11 के डिवाइस कॉन्फिगरेशन गाइड के हवाले से यह जानकारी दी है | इसके अनुसार, Android 11 के लिए स्मार्टफोन में कम से कम 2GB रैम होनी चाहिए | ऐसे स्मार्टफोन जिनमें 2GB से कम रैम होगी, वे Android Go प्रोग्राम के साथ लॉन्च किए जाएंगे | .
दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे डिवाइस जिनमें 512MB की रैम होगी, उनमें Google मोबाइल सर्विस प्रीलोडेड नहीं मिलेगा | Google के नये बदलाव एंड्रॉयड 11 के स्टेबल रोलआउट के साथ शुरू होंगे | .फिलहाल Android 11 टेस्टिंग फेज में है. कई सारी कंपनियों ने अपने स्मार्टफोन्स में Android 11 Beta का अपडेट दिया है | इस गाइड में यह साफ किया है की, पहले लॉन्च हो चुके डिवाइस को इससे दूर रखा गया है | पुराने स्मार्टफोन को मिलने वाला अपडेट पूरे Android फीचर के साथ पेश किया जाएगा |
Android 11 में Android 10 के मुकाबले कई अपडेट किये गए हैं | इसमें कई सिस्टम लेवल चेंज के साथ कुछ महत्वपूर्ण यूजर सेंट्रिक चेंज किये गए हैं | बीटा रिलीज को पहले मई में रिलीज किया जाना था, लेकिन कोविड-१९ के चलते इसे बाद में जून में रिलीज किया गया था | हालांकि इस देर के बावजूद Google का कहना था की वह एंड्रॉयड 11 के फाइनल वर्जन को तय समय पर ही रिलीज करेगा |
ख़बरों के मुताबिक, एंड्रॉयड 11 को 8 सितंबर को ऑफिशियली लॉन्च किया जा सकता है, जो Google की पहले से ही तय डेडलाइन है | यह तारीख Google द्वारा अपने स्मार्ट होम समिट के लिए यूट्यूब वीडियो में दिखायी गई थी | अभी Android 11 Beta 2 8 कॉम्पैटिबल पिक्सल डिवाइस के लिए उपलब्ध है | इनमें Pixel 2, Pixel 2 XL, Pixel 3, Pixel 3 XL, Pixel 3a, Pixel 3a XL, Pixel 4 और Pixel 4 XL जैसे डिवाइस हैं |
जानकारी के लिए बता दूँ, 2 जीबी रैम वाले जो डिवाइस पुराने एंड्रॉयड वर्जन के साथ लॉन्च हुए थे, उन्हें इससे बाहर रखा गया है | अगर इन डिवाइसेज को कोई अपडेट मिलता है तो वह पूरा एंड्रॉयड ही होगा ताकि यूजर को कोई कन्फ्यूजन न हो | एंड्रॉयड गो की बात करें, तो Google ने इसे अपने ओपन सोर्स ओएस के तौर पर लॉन्च किया था | इसमें ज्यादातर Google ऐप कम फीचर के साथ आते थे, लेकिन उनके मेन फंक्शनिंग पर इसका कोई खास असर नहीं होता था |
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