लेखा जांच नहीं कराने वाले पंचायत सचिव पर कार्रवाई

सहरसा। पंचायत में लेखापाल सह आईटी सहायकों के नियोजन के नौ माह बीत जाने के बाद भी पंचायत सचिवों द्वारा लेखा का प्रभार नहीं सौंपे जाने का डीएम कौशल कुमार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने पंचायत सचिवों को ग्राम पंचायत व वार्ड कार्यान्यवयन प्रबंध समिति के अभिलेख, योजना पंजी, चेक पंजी, कैशबुक का प्रावधान अनुसार जांच एवं सत्यापन लेखापाल सह आईटी सहायकों के कराने का निर्देश दिया। डीएम ने अपने आदेश में सभी बीडीओ को निर्देश दिया कि यदि किसी पंचायत सचिव द्वारा लेखापाल से जांच अथवा सत्यापन नहीं करवाया जाता है, अथवा इस कार्य में विलंब किया जाता है, तो उनके विरूद्ध् तुरंत युक्तिसंगत कार्रवाई करें।

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डीएम ने अपने आदेश में कहा है कि लेखापाल सह आईटी सहायकों को संबद्ध् ग्राम पंचायत के अन्तर्गत वार्ड क्रियान्चयन एवं प्रबंधन समिति के लेखा ,रोकड़ बही का संधारण, ग्राम पंचायत तथा वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के बैंक खातों का बैंक समाधान विवरणी तैयार करने, अंकेक्षण संपन्न कराने,पंचायतों का लेखा प्रबंधन सुनिश्चित कराने समेत अन्य जिम्मेवारी दी गई है। डीएम ने इस कार्य को संपादित करने के लिए लेखापाल सह आईटी सहायकों को कार्यदिवस सुनिश्चित कर इसकी सूचना बीडीओ, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी एवं जिला पंचायती पदाधिकारी को सूचित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अभिलेख संधारित करने के पश्चातपंचायत सचिव के साथ- साथ लेखापाल भी संबंधित अभिलेखों में अपना हस्ताक्षर सुनिश्चित करेंगे। कहा कि योजना अभिलेख बंद करने के पूर्व मेमो ऑफ पेमेंट तैयार करेंगे तथा नियमानुकूल सभी प्रकार के कर की कटौती करते हुए अंतिम भुगतान करना सुनिश्चित करें। डीएम ने कहा कि सभी प्रखंडों में अभिलेख- मापीपुस्त जांच के दौरान देखा जा रहा है कि बिना अभिलेख के योजना की मापीपुस्त दर्ज कर ली गई। कहा कि अभिलेख संधारण एवं इसकी सत्यता की जांच किए बिना ही मापीपुस्त दर्ज किया जाना एक गंभीर मामला है। उन्होंने इस परिपेक्ष्य में सभी पंचायत सचिवों को तुरंत अभिलेखों की जांच एवं सत्यापन कराने का निर्देश दिया है।
Posted By: Jagran
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