बरसात के मौसम बच्चों में डायरिया की रहती है आशंका

पूर्णिया। पांच वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों में डायरिया की आशंका बरसात के मौसम में बढ़ जाती है। डायरिया से इस उम्र में बच्चों की मौत तक हो जाती है। डायरिया के लक्षण दिखते हुए तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार का कहना है इसको तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए अगर लक्षण दिखे तो तुरंत ओआरएस का घोल पिलाना चाहिए और चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। इस मौसम में बच्चों में यह समस्या आम है। डायरिया में डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) की कमी हो जाती है। चिकित्सक राजेश कुमार का कहना है कि डायरिया कई प्रकार से बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। एक्यूट ब्लडी डायरिया जिसे लोग शूल भी कहा जाता है। इससे आंत में संक्रमण और कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है। एक्यूट वाटरी डायरिया में काफी पतला दस्त होता है। यह कुछ समय या कुछ दिनों तक रहता है। इससे डिहाइड्रेशन के साथ वजन में अचानक कमी आ सकती है। वहीं 14 दिन या उससे अधिक समय तक रहने वाली समस्या को परसिस्टेंट डायरिया कहते हैं। इसके साथ ही जन्म से कमजोर और अतिबारिश के मौसम में जल जनित संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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डायरिया के लक्षण
बच्चे में लगातार पतले दस्त की समस्या.
दस्त के साथ हल्के बुखार का रहना.
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दस्त के साथ उल्टी की भी समस्या.
खाना नहीं खाना.
प्यास ज्यादा लगना आदि.
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Posted By: Jagran
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