मार्क-3 यूनिट मशीन से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा प्रशासन

अररिया। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन की तैयारी जोरों पर है। कोरोना काल में भी जिला प्रशासन द्वारा विधानसभा चुनाव को लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है। विधानसभा चुनाव में बूथों पर पी-1, पी-2 और अन्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति को लेकर फॉर्म भरने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। मुख्यालय स्थित इंडोर स्टेडियम में ईवीएम कोषांग भी बनाया गया है। ईवीएम की प्रथम लेवल चेकिग का कार्य भी पूरा हो गया है। इंजीनियर और प्रशासनिक पदाधिकारियों की मौजूदगी में सारी तैयारी की जा रही है ताकि ईवीएम की अच्छी तरीके से जानने के बाद चुनाव कर्मियों को इसकी ट्रेनिंग दी जा सकें। खास बात ये है कि इस बार विधानसभा चुनाव में वोटिग के लिए मार्क- 3 मशीन का प्रयोग किया जायेगा। थर्ड जेनरेशन का ये मशीन काफी आधुनिक है। जिसमे गलती की संभावना बिल्कुल नहीं है। मशीन को काफी अपडेट किया गया है। मार्क- 3 मशीन में वीएसडीयू का कार्य अब कंट्रोल यूनिट ही करेगा। वही कंट्रोल यूनिट से बैलेट यूनिट तक अतिरिक्त कनेक्शन को भी बढ़ाया गया है। जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि मार्क- 3 यूनिट की मशीन पूर्व की मशीन की तुलना में काफी आधुनिक और हल्की भी है। इस मशीन के सभी स्टेटस कंट्रोल यूनिट से ही पता कर सकते है। इसके अलावा मतदाता जिस किसी उम्मीदवार को वोट करेगा उसका एक पर्ची भी मशीन दिखायेगा। किसी भी गड़बड़ी की आशंका पर मशीन में प्राप्त कुल वोट को पर्ची से मिलान किया जा सकता है। गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव में मार्क- 3 मशीन के प्रयोग को अनुमति दी गई है। इससे पहले चुनाव में मार्क- 2 मशीन का प्रयोग किया जाता था। मिली जानकारी के अनुसार मार्क- 3 मशीन से चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ कराने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि अभी तक एम-2 मशीन से चुनाव कराए जा रहे थे। जिसका कई राजनीतिक दल विरोध करते थे।

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कई विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम मशीन को लेकर तमाम विवाद हुए थे। कई जगह किसी भी बटन को दबाने पर वीवीपैट पर्चा एक खास दल के नाम निकलने की शिकायतें भी हुई थीं। जिसके समाधान के लिए मार्क- 3 मशीन को काफी अपडेट किया गया है।
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एम- 3 तकनीक को किसी नेटवर्क से नहीं कर सकते कंट्रोल
- उपचुनाव अधिकारी ने बताया कि एम-3 ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिग मशीन का थर्ड जनरेशन है। चुनाव आयोग ने इस ईवीएम को मार्क 3 नाम दिया है। नेक्स्ट जनरेशन मार्क 3 ईवीएम की विशेषता यह है कि इसके चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता। इसको दोबारा लिखा भी नहीं जा सकता। इस ईवीएम को इंटरनेट या किसी भी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। यदि कोई ईवीएम से छेड़छाड़ करेगा या इसका स्क्रू भी खोलने की कोशिश करेगा तो मशीन बंद हो जाएगी। यही नहीं छेड़छाड़ करने वाली की फोटो भी दर्ज हो जाएगी। मशीन में रियल टाइम क्लॉक और डायनेमिक कोडिग जैसी विशेषताएं हैं। इसकी हैकिग या रीप्रोग्रामिग नहीं की जा सकती है। खास बात यह है कि एम-3 में 24 बैलेट यूनिट और 384 प्रत्याशियों की जानकारी होगी। पहले सिर्फ 4 बैलेट यूनिट और 64 प्रत्याशियों की जानकारी ही रखी जा सकती थी।
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पर्ची मिलाने की भी होगी सुविधा आधुनिक थर्ड जेनरेशन मशीन में वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट (वीवीपीएट) में वोट डालने के तुरंत बाद कागज की एक पर्ची निकलेगी। इस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया गया है। उनका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है। यह व्यवस्था इसलिए है कि किसी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में पड़े वोट के साथ पर्ची का मिलान किया जा सके। ईवीएम में लगे शीशे के एक स्क्रीन पर यह पर्ची सात सेकंड तक दिखती है। इस मशीन को 2013 में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड द्वारा डिजाइन की गई है। ----------------------
कोट-
विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी की जा रही है। मार्क- 3 मशीन आधुनिक सुविधा से युक्त है। अधिसूचना निर्गत होने के बाद चुनाव कर्मियों को आधुनिक मशीन के विषय में जानकारी दी जायेगी
- अभिनास चंद्रा, उपचुनाव अधिकारी, अररिया।
Posted By: Jagran
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