भारत सरकार कहीं बेदखल न कर दे, इस डर से PUBG ने अपने User Privacy Policy में किया बड़ा बदलाव

डेटा लोकलाइज़ेशन का विषय आज के युग में बहुत महत्वपूर्ण है, विशेषकर जब चीन जैसा देश दुनिया भर के देशों के डेटा पर बुरी दृष्टि डाल रहा हो। भारत जैसे कुछ देशों ने अभी से मोर्चा संभाल लिया है, और भारत के सख्त रुख को देखते हुए कुछ एप्स अपनी नीतियों को बदलने के लिए भी तैयार हो चुके हैं। इन्हीं में से एक है प्रसिद्ध वीडियो गेम प्लेयर्स बैटल अंडरग्राउंड, जिसे दुनिया PUBG के नाम से बेहतर जानता है।

टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार PUBG ने अपनी डेटा पॉलिसी को भारत के अनुकूल बनाने हेतु काम करना प्रारम्भ कर दिया है, और इसके बारे में एक प्रेस वार्ता के जरिये उन्होंने भारत को सूचित भी किया है। के अनुसार उनके यूजर्स का डेटा भारत, सिंगापुर, अमेरिका सहित कई देशों में स्टोर होता है, लेकिन अब से भारतीय उपभोक्ताओं का जो भी डेटा होगा, वो भारत में स्थित सर्वर पर ही स्टोर होगा, और उसे कहीं भी किसी और देश के साथ साझा नहीं किया जाएगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि PUBG ने इतना बड़ा फैसला कैसे लिया? कंपनी पबजी मोबाइल ने यह निर्णय यूं ही नहीं लिया है, बल्कि इसके पीछे एक परिपक्व योजना है, जिसके अंतर्गत वह भारतीय एजेंसियों द्वारा होने वाली संभावित कार्रवाई से अपने आप को बचाना चाहती है। दरअसल, PUBG एक दक्षिण कोरियाई एप है, जिसमें Tencent कंपनी ने थोड़ा निवेश भी किया है। Tencent एक चीनी टेक कंपनी है, जिसने कई एप्स की तकनीक को विकसित करने में अपना योगदान भी दिया है, और इसीलिए PUBG अब भारतीय एजेंसियों के राडार पर भी है।
परंतु ऐसा क्या हुआ, जिससे PUBG भारतीय एजेंसियों के निशाने पर आ गया? इसकी जड़ें जून के अंत में हुए टिक टॉक जैसे कई एप्स के प्रतिबंध से जुड़े हुए हैं। गलवान घाटी पर चीन द्वारा किए गए हमले के उपलक्ष्य में भारत ने आर्थिक मोर्चे पर धावा बोलते हुए टिक टॉक सहित कुल 59 एप्स पर भारतीय डेटा चीनी सरकार के साथ साझा करने के आरोप में प्रतिबंध लगाया था। इस निर्णय के अंतर्गत, टिक टॉक, बीगो, यूसी ब्राउज़र, शाइन जैसे कई एप्स पर प्रतिबंधित लगाया गया था।
लेकिन भारत वहीं पर नहीं रुका। अभी कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने 59 एप्स से जुड़े क्लोन एप सहित 47 अन्य एप्स पर प्रतिबंध लगाया था। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार ने करीब 275 एप्स की विशेष सूची तैयार की है, जो भले ही किसी भी देश द्वारा बनाई गई हो, परंतु उसमें कहीं न कहीं चीन का निवेश है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसमें कई ऐसे एप्स हैं, जिनका या तो टेंसेंट या फिर अलीबाबा जैसी कंपनियों के साथ कहीं न कहीं लिंक है। रिपोर्ट के अनुसार इन 275 ऐप्स में गेमिंग ऐप PUBG भी शामिल है, जो चाइना के वैल्यूबल इंटरनेट Tencent का हिस्सा है। साथ ही इसमें Xiaomi की बनाई गई Zili ऐप, ई-कॉमर्स Alibaba की Aliexpress ऐप, Resso ऐप और Bytedance की ULike ऐप शामिल है।
वो कहावत तो आपने अवश्य सुनी होगी 'अपनी सुरक्षा अपने हाथ'। ऐसे में PUBG ने सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए स्वयं ही course करेक्शन का रास्ता अपनाया है। PUBG के इस कदम से उन एप्स को भी सीख लेनी चाहिए, जिनमें कहीं न कहीं चीनी निवेश अवश्य है। यदि वे तब भी नहीं समझे, तो केंद्र सरकार की किसी भी कार्रवाई के लिए वे खुद ही जिम्मेदार होंगे।
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