भारत-नेपाल सीमा पर संदिग्ध रास्तों से तस्करी का खेल जारी

मधुबनी। कोरोना माहमारी को लेकर लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही भारत-नेपाल सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया गया। बावजूद, पिपरौन बॉर्डर पर संदिग्ध रास्तों से तस्करों का अवैध प्रवेश जारी है। हर दिन बड़ी संख्या में नेपाल से लोग भारतीय बाजारों में बेरोकटोक पहुंच रहे हैं। इससे ना केवल कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा है, बल्कि तस्करों के हौसले भी बुलंद हैं। दिघीया टोला व बॉर्डर पीलर संख्या 285/7 के निकट संदिग्ध रास्तों से नदी में ट्यूब के नाव से पैसे लेकर तस्करों को अवैध रूप से प्रवेश कराया जा रहा है। इस रास्ते से तस्करी की गतिविधियां बेखौफ जारी है। इन रास्तों में एसएसबी की नाका गश्ती नहीं होती है। जिससे इन संदिग्ध रास्तों से खाद्य पदार्थों के अलावा जैविक खाद, गुटखा, काली मिर्च, सुपारी, सरसों तेल, नशीली दवा व शराब की तस्करी भी भारी मात्रा में हो रही है। इंडो-नेपाल बॉर्डर के पिपरौन-जटही मुख्य मार्ग के चेकपोस्ट पर एसएसबी की 24 घंटे नाका गश्ती होती है। जिससे इन दिनों तस्कर व अवैध प्रवेश करने वाले लोग उक्त संदिग्ध रास्तों से आवागमन कर रहे हैं। इन रास्तों से प्रतिबंधित सामानों की तस्करी भारी मात्रा में हो रही है। नदी में पानी उफन जाने के बावजूद टयूब के नाव पर खतरों के साथ आवागमन व तस्करी का सिलसिला जारी है। इस बाबत पिपरौन एसएसबी कंपनी इंचार्ज रमन कुमार ने बताया कि स्ट्रेंथ की कमी और खुली सीमा होने के कारण परेशानी हो रही है। जिन रास्तों से अवैध प्रवेश हो रहे हैं, जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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Posted By: Jagran
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