रिकॉर्ड 46.75 मीटर पर पहुंच गया बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर

छौड़ाही (बेगूसराय) : शुक्रवार को अपने पिछले रिकॉर्ड को ध्वस्त कर नदी के उच्चतम जलस्तर पर पहुंचने के बाद भी पानी बढ़ने की रफ्तार रुकने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को नदी का जलस्तर रेलवे पुल मीटर गेज पर 46.75 मीटर तक पहुंच चुका है। ध्यान रहे कि नदी में खतरे का निशान 42.63 मीटर है। वहीं नदी के अब तक का उच्चतम जलस्तर वर्ष 1987 में 46.50 का रहा है। अब, बूढ़ी गंडक नदी में बेकाबू अपार जल के लहरों के जोरदार हिलोरे तटबंध और पुल को हिला-डुला रही है। नदी के फफौत-नरहन रानी साहेब पुल की नरहन साइट से समस्तीपुर जिला प्रशासन ने बैरियर लगाकर आवागमन बंद करा दिया है। नाव परिचालन पर भी रोक लगा दी गई है। लेकिन, बेगूसराय जिले के फफौत साइट पर प्रशासन ने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है। शनिवार को बेकाबू नदी के पानी की तेज रफ्तार पुल को बहा ले जाने को बेताब थी। लेकिन, फफौत साइट से लोग पुल पर बेखौफ होकर घूमते रहे। जो खतरनाक साबित हो सकती है। तटबंध से रिसाव कटाव लगातार जारी : नदी के लबालब भरे होने के कारण नदी के बाएं तटबंध में दौलतपुर- नुरुल्लाहपुर, बिदुलिया, बरियारपुर, बेगमपुर फफौत, आकोपुर, गोपालपुर, बसही, पवड़ा से पहसारा आदि जगहों पर नदी का जलस्तर तटबंध से कई जगह बमुश्किल डेढ़ से दो मीटर नीचे है। इस कारण अब पानी का रिसाव ज्यादातर जगहों पर हो रहा है। स्थिति यह है कि एक जगह तटबंध से रिसाव की सूचना पर मरम्मत कार्य हो रहा होता है तो उसी समय पांच अन्य जगहों से रिसाव कटाव की सूचना अभियंता को मिलती है। हालांकि ज्यादातर जगहों पर स्थानीय ग्रामीणों की टीम दिन रात अपने खर्च पर रिसाव कटाव को भरने का काम कर रहे हैं। घबराने की जरूरत नहीं तटबंध है सुरक्षित : बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल रोसड़ा के सहायक अभियंता बताते हैं कि नदी के पानी में रोजाना अच्छी खासी बढ़ोतरी हो रही है। यह उच्चतम स्तर पार कर गया है। जिसके कारण रिसाव ज्यादातर जगहों पर तटबंध से हो रहा है। बाढ़ निरोधात्मक उपाय कर सभी रिसाव कटाव स्थल को दुरुस्त कर दिया गया है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। अफवाहों पर ध्यान नहीं दें तटबंध एकदम सुरक्षित है।


Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार