कोरोना को ले अफवाहों से रहें दूर, सही जानकारी ही बचाव

मोतिहारी । कोरोना को लेकर ग्रामीण इलाकों में लोगों ने जिस तरह की मनगढ़ंत धारणाएं बना ली हैं, वह पूरे समाज के लिए घातक स्थिति उत्पन्न कर सकती है। आमजन में जागरूकता को लेकर सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है, लेकिन लोगों की बेपरवाही परेशानी का सबब बन रही है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का पालन करने से परहेज कर रहे हैं। वे कोरोना के बढ़ते प्रसार को नकार देते हैं। हालांकि सब लोग ऐसे नहीं हैं। वे स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सरकारी निर्देश का पालन भी कर रहे हैं। लेकिन एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली इस बीमारी से हर किसी को, हर स्तर पर सतर्क रहना होगा। अन्यथा की स्थिति में सामुदायिक स्तर पर यह जोखिम और बढ़ सकती है। बनाई जा रहीं मनगढ़ंत धारणाएं गांवों में लोगों ने कोरोना को लेकर मनगढ़ंत धारणाएं बना ली हैं। बिना मास्क के चाय की दुकानों में बैठ कर कुछ लोग यह तर्क देते भी दिख रहे हैं कि यह अमीरों की बीमारी है। एसी एवं कूलर में रहने वाले आरामतलब लोगों को ही कोरोना होता है। गरीबों-मेहनतकशों को यह बीमारी हो ही नहीं सकती। दो-चार प्रसिद्ध लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर देख-सुनकर भ्रम फैलाने वाले ऐसे लोग सही जानकारी के अभाव में ऐसे तर्क दे रहे हैं। जबकि वैज्ञानिक तथ्यों में कहीं भी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि कोरोना वायरस किसी विशेष वर्ग के लोगों को ही प्रभावित करता है। कोरोना का प्रसार काफी तेजी से हो रहा है और यह किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले सकता है। इसलिए ऐसी भ्रामक जानकरियों से बचने की आवश्यकता है। बचाव के सही जानकारी के साथ सुझाए गए उपायों को अपनाने की आवश्यकता है। शारीरिक दूरी का नहीं हो रहा पालन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों में से एक शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी शामिल है। लेकिन गांवों में यह देखने को मिल रहा है कि लोग इसे व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से भी जोड़ कर देख रहे हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा व्यवहार सामने वाला हमें नीचा दिखाने या संक्रमित समझ कर कर रहा है। हाथ मिलाने से मना करने पर मनमुटाव कर लेते हैं। कोरोना को लेकर इतने बड़े पैमाने पर जागरूकता के बाद भी इस तरह के कुछ स्याह पक्ष समाज में कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर कर रही है। जबकि कोरोना से बचाव में व्यक्तिगत दूरी काफी जरुरी है। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाले ड्रॉप लेट्स के जरिए कोरोना वायरस सामने वाले व्यक्ति को भी संक्रमित कर देता है। इसलिए संक्रमित के साथ सामने वाले व्यक्ति दोनों के लिए मास्क का इस्तेमाल बहुत जरुरी है। साथ ही कम से कम दो गज की शारीरिक दूरी भी जरूरी है। मास्क लगाने के मामले में भी लोग गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। मास्क का प्रयोग ज्यादातर पुलिस जांच से बचने के लिए किया जा रहा है। लोग इो अपनी आवश्यकता नहीं समझ रहे हैं। यह स्थिति परेशानी को और बढ़ा सकती है।

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Posted By: Jagran
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