कोरोना के कोहराम से बहना नहीं बांध सकेंगी कैदी भाई की कलाई पर राखी

मधुबनी। जेल में बंद अपने कैदी भाईयों की कलाईयों पर बहना इस बार रक्षा बंधन में राखी नहीं बांध सकेंगी। वैश्विक महामारी रोग कोरोना के कारण जेल बंद कैदियों से मुलाकाती पर पहले से ही रोक है। हालांकि ई-मुलाकाती की नई व्यवस्था शुरू की जा चुकी है। लेकिन मंडल कारा के अधीक्षक, चिकित्सक, जेलर, दर्जनभर बंदी, जेल सिपाही आदि के कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाने के कारण विशेष एहतियात बरता जा रहा है। जेल अधीक्षक, जेल सिपाही, बंदी तो कोरोना को हराकर कोरोना सं जंग जीत चुके हैं। लेकिन, जेल चिकित्सक, जेलर एवं एक बंदी अभी भी कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं। जेल चिकित्सक जहां होम क्वारंटाइन है वहीं जेलर रामपट्टी कोविड केयर सेंटर में इलाज हेतु भर्ती है। जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित एक बंदी को जेल के अंदर ही संक्रमित बंदियों को रखने के लिए बने कोविड केयर सेंटर में रखा गया है। जिस कारण अभी भी मंडल कारा कोरोना संक्रमण से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में इस बार रक्षा बंधन में बहना अपनी कैदी भाईयों की कलाईयों पर राखी नहीं बांध सकेंगी। अब तक ई-मुलाकाती के लिए भी किसी कैदी की बहनों ने आवेदन नहीं किया है। जिस कारण इस बार रक्षा बंधन में जेल में बंद कोई भी बंदी ई-मुलाकाती के माध्यम से भी अपनी बहनों से बात नहीं कर सकेंगे। कोई बहना भी इस बार रक्षा बंधन में अपने कैदी भाईयों का मुंह मीठा नहीं कर सकेंगे। इसका मलाल कैदी भाईयों एवं उनकी बहनों को इस बार रहेगी। हालांकि जेल प्रशासन रक्षा बंधन के अवसर पर कैदियों के लिए विशेष भोजन का इंतजाम कर रखा है।

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कैदी भाईयों की कलाई पर रक्षा बंधन के दिन बहनों द्वारा राखी बांधी जाती थी : विगत वर्षों के रक्षा बंधन तक बहनों द्वारा कैदी भाईयों से जेलगेट पर मुलाकात कर उनकी कलाईयों पर राखी बांधने तथा मुंह मीठा करने का सिलसिला कायम रहा था। रक्षा बंधन के दिन सौ से भी अधिक बहना जेल गेट पर पहुंचकर अपने कैदी भाईयों की कलाईयों पर राखी बांधती थी और मुंह मीठा करती थी। इसके लिए जेल प्रशासन द्वारा जेल का पिकेट गेट के माध्यम से बहनों एवं उनके कैदी भाईयों की मुलाकात कराया जाता था, राखी बांधने एवं मुंह मीठा करने का रस्म निभाने का सुअवसर प्रदान किया जाता था। लेकिन इस बार कोरोना के कोहराम क चलते वर्षों से चला आ रहा सिलसिला पर ब्रेक लग गया है। इस बार के रक्षा बंधन में कोई भी बहना अपने कैदी भाईयों की कलाई पर राखी नहीं बांध सकेंगी।
क्या कहते हैं जेल अधीक्षक : जेल अधीक्षक धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न स्थिति के कारण इस बार रक्षा बंधन पर कोई भी बहन अपनी कैदी भाई के कलाई पर राखी नहीं बांध सकेंगी। मुलाकाती पर पहले से ही रोक है। ई-मुलाकाती की व्यवस्था है। लेकिन अब तक कोई भी बहन अपने कैदी भाईयों से ई-मुलाकाती के लिए आवेदन नहीं किया है। हालांकि रक्षाबंधन पर बंदियों के लिए विशेष भोजन का इंतजाम किया गया है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष लगभग एक सौ बहनों ने अपने कैदी भाइयों की कलाई पर राखी बांधाी थी। लेकिन इसबार रक्षा बंधन में कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के कारण कोई भी बहन अपने कैदी भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध सकेंगी।
Posted By: Jagran
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