बॉलीवुड में जारी भाई-भतीजावाद पर करीना कपूर ने तोड़ी चुप्पी, कहा- सिर्फ नेपोटिज्म से इंडस्‍ट्री चलती तो 21 सालों तक काम नहीं कर पाती

कुछ दिन पहले ही करीना कपूर खान बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' का प्रमोशन करती हुई नजर आईं थी।एक्ट्रेस ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर फिल्म के ट्रेलर को पोस्ट किया था। इसी के साथ उन्होंने संजना सांघी, मुकेश छाबड़ा और सुशांत सिंह राजपूत को टैग किया। उन्होंने दिल का इमोटिकॉन भी शेयर कर लोगों से फिल्म को देखने की गुजारिश की थी।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही बॉलीवुड में नोपोटिज्म पर लगातार बहस हो रही है। अब इस मामले पर करीना कपूर ने भी अपना बयान दिया है। बॉलीवुड में जारी भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) की बहस में करीना कपूर खान ने अपना रुख स्पष्ट किया है। उनका कहना है कि किसी भी कलाकार के लिए सिर्फ नेपोटिज्म के भरोसे फिल्म इंडस्ट्री में टिकना संभव नहीं है।
नेपोटिज्म के भरोसे बॉलीवुड में टिकना संभव नहीं
एक इंटरव्यू के दौरान करीना ने अपने अनुभव और दो दशक के फिल्मी सफर पर भी बात की। नेपोटिज्म के बारे में उन्होंने कहा, ''मैं उन सुपरस्टार्स के बच्चों की एक लंबी लिस्ट बना सकती हूं जो फिल्म इंडस्ट्री में ज्यादा समय तक टिक नहीं पाए।'' करीना ने साफ कहा कि एक डॉक्टर का बच्चा जाहिर तौर पर अपने पैरेंट्स की तरह ही बनना चाहेगा। फिल्मी दुनिया में अपने स्ट्रगल पर उन्होंने माना कि कपूर खानदान से आने की वजह से उन्हें प्राथमिकता तो मिली, लेकिन खुद को साबित करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत भी की है।
करीना के लिए आसान नहीं था इंडस्ट्री में जगह बनाना
करीना ने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि मैंने जो कुछ हासिल किया है वो सिर्फ कपूर परिवार का टैग होने की वजह से मिला है। मेरा संघर्ष आपको उतना दिलचस्प नहीं लगेगा, जितना किसी ऐसे स्ट्रगलर का लगेगा जो जेब में 10 रु. लेकर मुंबई आया हो। हां, मैंने वह संघर्ष नहीं किया लेकिन इसके लिए दुखी नहीं हो सकती।''

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