मधुबनी। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण का प्रतिकूल असर विद्यालय शिक्षा समिति के पुनर्गठन पर भी पड़ गया है। विद्यालय शिक्षा समिति का गठन करने के लिए आम सभा बुलाने की आवश्यकता होती है। लेकिन, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विद्यालय शिक्षा समिति के पुनर्गठन को आम सभा बुलाने में संक्रमण फैलने की आशंका एवं खतरा है। आम सभा में फिजिकल डिस्टेसिग मेंटेन कराना भी पूरी तरह संभव प्रतीत नहीं हो रहा है। जिस कारण विद्यालय शिक्षा समिति के पुनर्गठन को फिलहाल टाल दिया गया है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वर्तमान में कार्यरत विद्यालय शिक्षा समिति का कार्यकाल दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। शिक्षा विभाग से अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत इस निर्णय से बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी विभा कुमारी ने मधुबनी समेत सूबे के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा अभियान) को पत्र भेजकर अवगत करा दिया है। गौरतलब है कि सभी प्रारंभिक विद्यालयों में विद्यालय शिक्षा समिति बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) नियमावली-2013 एवं 16 सितंबर 2013 की विभागीय अधिसूचना के आलोक में तीन वर्षों के लिए गठित की जाती है। लेकिन, गठित की गई कई विद्यालय शिक्षा समितियों का कार्यकाल या तो समाप्त हो गया है या फिर समाप्त होने की स्थिति में है। जिस कारण विद्यालय शिक्षा समिति का पुनर्गठन किया जाना है। लेकिन, विचारोपरांत विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि कोविड-19 के व्यापक संक्रमण के फैलाव को देखते हुए विद्यालय शिक्षा समिति के पुनर्गठन के लिए वर्तमान में आम सभा का आयोजन करवाना उचित नहीं है। जिस कारण शिक्षा विभाग से अनुमादन प्राप्त करने के उपरांत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने आदेश जारी किया है कि कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए वर्तमान कार्यरत विद्यालय शिक्षा समिति दिसंबर 2020 तक पूर्व की तरह समस्त कार्य करती रहेगी।
Posted By: Jagran
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