संक्रमित को 10 दिनों रखें आइसोलेशन सेंटर में

अरवल : कंटेनमेंट जोन में यदि कोई जरूरतमंद को दवा, दूध और आवश्यक सामग्री की दरकार हो तो प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी मदद करेंगे। यदि कोई मास्क बिना पकड़ा जाए तो उसे आर्थिक दंड में कोई कोताही नहीं बरतें। जिलाधिकारी रविशंकर चौधरी ने बुधवार को कंटेनमेंट जोन के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में इस आशय का निर्देश दिया। बैठक में एसपी राजीव रंजन भी उपस्थित थे। डीएम ने कहा कि कंटेनमेंट जोन का मतलब साफ है कि दवा, दूध और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेगा। डीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित इलाकों को कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया गया है। जिले में फिलहाल 40 कंटेनमेंट जोन हैं। इस इलाके में लोगों को प्रवेश नहीं हो इसे लेकर बैरकेटिग कर दी गई है। उन्होंने प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी हाल में इस इलाके में आवाजाही नही होनी चाहिए। यदि उस दायरे में रहने वाले लोगों को कोई समस्या हो तो इसका समाधान प्राथमिकता के आधार पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी व पुलिस अधिकारी अपने स्तर से करें। उन्होंने कहा कि बिना मास्क के यदि कोई घूमता नजर आता हो तो सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले सभी लोगों की जांच एंटीजन कीट से करना सुनिश्चित करें ताकि संक्रमण के दायरे को रोका जा सकें। बैठक में यह बताया गया कि पॉजिटिव रिर्पोट आने पर 10 दिन ऑइसोलेशन केंद्र में तथा सात दिन होम ऑसोलेशन में संक्रमित को रहना है। मौके पर एसपी ने कहा कि इस बात पर पूरा ध्यान रखना है कि प्रभावित व्यक्ति दूसरे को संक्रमित नही कर सके। इसे लेकर शहरी इलाकों में वार्ड पार्षद तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मुखिया के सहयोग से सभी गली-मोहल्लों को सेनेटाइज कराना है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ अरविद कुमार, डीडीसी राजेश कुमार के साथ साथ अन्य सभी दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।


Posted By: Jagran
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