किसानों के फर्जी नाम पर बेच दिया उर्वरक

जहानाबाद : जहानाबाद के किसानों के लिए आपूर्ति की गई उर्वरक में करीब 41 फीसद किसानों का नाम फर्जी उजागर हुआ है। जिले के 20 खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को लगभग 102 मीट्रिक टन उर्वरक की आपूर्ति की गई थी जिसकी बिक्री में गड़बड़ी की शिकायत है। राज्य के कृषि निदेशक ने बुधवार को जहानाबाद के जिला कृषि पदाधिकारी को पत्र सं. 425 के माध्यम से उर्वरक विक्रेताओं का लाइसेंस निलंबित अथवा रद कर तीन दिनों में सूचित करने का निर्देश दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में पीओएस मशीन से उर्वरक की बिक्री करना था। उर्वरक की बिक्री किसानों के आधार कार्ड के माध्यम से करना था। बीते 24 जुलाई को रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की समीक्षा में खुलासा हुआ कि जिलों में खुदरा उर्वरक विक्रेताओं द्वारा गैर-आधार बिक्री की गई है। इसमें काल्पिनिक नामों का उपयोग कर उर्वरक की बिक्री करने की गंभीर बात कही है।

बताया गया कि जहानाबाद जिले में 20 खुदरा उर्वरक विक्रेताओं की सूची जिला कृषि पदाधिकारी को भेजी गई है। आरोप है कि काल्पिनिक नाम पर उर्वरक बिना आधार कार्ड के ही बिक्री कर दी गई है। जिन वितरकों का नाम कृषि निदेशक ने जिला कृषि पदाधिकारी को जांच के लिए भेजी है उसमें ओनिडा बीज भंडार, मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज, वेंकटेश इंटरप्राइजेज, बालाजी खाद भंडार, हिमांशु खाद भंडार, आशीष खाद भंडार, आदर्श राजाबाजार लिमिटेड, चितरंजन कुमार, रवि कुमार, बिहार खाद भंडार, जय मां वैष्णव ट्रेडर्स, कृषि दर्शन, जेपी इंटरप्राइजेज के अलावा आशीष खाद भंडार के नाम से चार विक्रेताओं का नाम शामिल है। कृषि निदेशालय ने सभी विक्रेताओं का आइडी नंबर, केसीसी और इपीक नंबर भी भेजा है ताकि जांच में आसानी हो।
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जिले में उर्वरक का रैक विलंब से आने और आरओ (रिलीज ऑडर) समय से नहीं कटने के कारण समस्या उत्पन्न हुई है। फर्जी किसानों के नाम पर उर्वरक की बिक्री की बात निराधार है। सरकार के निर्देश के अनुसार जांच की जा रही है। अब तक किसी काल्पिनिक नाम से उर्वरक बिक्री के साक्ष्य नहीं मिले हैं।
सुनील कुमार,
जिला कृषि पदाधिकारी, जहानाबाद।
Posted By: Jagran
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