मां जानकी से जुड़ी सभी स्थलों के विकास के लिए श्राइन बोर्ड का हो गठन

सीतामढ़ी। भारतीय आध्यात्म जगत में धरती से उत्पन्न एकमात्र शक्ति स्वरूपा जगत जननी मां जानकी की पुण्य भूमि है। श्री राम जन्मभूमि व श्री जानकी जन्मभूमि महान व पवित्र है। अब जबकि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर निर्माण के साथ विकास की योजना पर काम शुरू हो चुका है। तो श्री जानकी जन्मभूमि अभी विकास के इंतजार में है। इसके लिए जरूरी है कि मां जानकी से जुड़ी सभी स्थलों के विकास के लिए बोर्ड का हो गठन हो। तभी जाकर सभी मंदिरों का विकास, जीर्णोद्धार, संरक्षण व संवर्धन हो पाएगा। ब्रह्मर्षि सेना के अध्यक्ष अवनीश कुमार सिंह कहते हैं कि सीतामढ़ी के हर कण-कण में माता सीता विद्यमान है। यहां उनसे जुड़े कई स्थल हैं जहां उनका साक्ष्य मिलता है। पुनौराधाम, जानकी स्थान, पंथपाकड़, हलेश्वरस्थान, सहित कई जगह है जो रामायण काल से प्रचलित हैं। भारत में कई श्राइन बोर्ड हैं। माता वैष्णो देवी व अमरनाथ श्राइन बोर्ड का गठन कर संपूर्ण क्षेत्र को बोर्ड के अधीन कर दिया गया है। यह बोर्ड सरकार से सामंजस्य स्थापित कर लोगों को बेहतर सुविधा मुहैया कराता है। यह पर्यटकों को आकर्षित करता है। इससे जिले के साथ राज्य का भी विकास होता है। केंद्र व राज्य सरकार जिले के संत महात्मा, बुद्धिजीवी व बुजुर्गों का सहयोग लेकर जानकी जन्मभूमि श्राइन बोर्ड का गठन करे तभी माता जानकी की जन्मस्थली का विकास संभव है। विश्व हिदू परिषद के जिला मंत्री सतोष कुमार देशमुख ने कहा कि मां जानकी की जन्मस्थली पूरे भारत में सम्मान व स्वाभिमान का विषय है। जिस प्रकार अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि का विकास किया जा रहा है। उसी प्रकार से जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी का भी विकास होना चाहिए। 2018 को पटना में आयोजित विराट हिदुस्तान संगम में भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्य सभा सदस्य डॉ.सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि सीतामढ़ी में सीता मंदिर का निर्माण किया जाएगा। जो एशिया का बड़ा मंदिर होगा। इसके लिए 20 एकड़ जमीन भी चिह्नित की जा चुकी है। लेकिन, उसके बाद भी काम आगे नहीं बढ़ पाया।

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Posted By: Jagran
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