जनविरोधी है सरकार का निर्णय, जारी रहेगा विरोध : शशिकांत

बेगूसराय : एक तरफ केंद्र सरकार श्रम कानून में बदलाव के साथ-साथ कर्मचारियों एवं पेंशनरों के महंगाई भत्ते किस्तों पर रोक लगा दी है, तो दूसरी ओर कार्यनिष्ठा एवं कार्यदक्षता को आधार बनाकर अनिवार्य सेवानिवृति के माध्यम से कर्मचारियों की छंटनी की कार्रवाई की जा रही है। सरकार का यह निर्णय जनविरोधी है और अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ इसका विरोध जारी रखेगा। यह बात रविवार को विभिन्न मांगों को ले समाहरणालय के समक्ष आहूत अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदर्शन को संबोधित करते हुए महासंघ के महामंत्री शशिकांत राय ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को ठेका, संविदा व मानदेय पर बहाल कर उनके साथ अन्यायपूर्ण नीति अपना रही है। सरकारी विभाग में लाखों पद रिक्त पड़े हैं, लेकिन यह सरकार इन रिक्त पदों पर नियमित बहाली नहीं कर रही है। उन्होंने अनियवार्य सेवानिवृति संबंधी आदेश वापस लेने, महंगाई भत्ता पर लगाई रोक को समाप्त करने, पुरानी पेंशन नीति बहाल करने, ठेका, संविदा व मानदेय पर बहाली पर रोक लगाने, इन बहाल कर्मियों की सेवा नियमित करने, न्यूनतम 26 हजार पारिश्रमिक देने आदि की मांग सरकार से की। प्रदर्शन को महासंघ के जिला मंत्री मोहन मुरारी, जिला अध्यक्ष परशुराम सिंह, अनिल कुमार गुप्ता, शंकर मोची, अजय कुमार सिन्हा, अनुराग कुमार, स्वाती गोदर, सिकंदर कुमार, आशुतोष कुमार, सुरेंद्र कुमार, रीना कुमारी, कल्पना कुमारी, कालीकांत सिंह आदि ने भी संबोधित किया।

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Posted By: Jagran
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