छपरा: बाढ़ ने मचाई तबाही, लगभग 100 गांवों का संपर्क मुख्यालय से कटा

बिहार के कई जिलों में बाढ़ ने भयानक तबाही मचा रखी है। सारण जिले के भेल्दी में तो बाढ़ की स्थिति काफी विकराल हो गई है। बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ने के कारण लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि आखिर बाढ़ से मुक्ति कब मिलेगी? बाढ़ ने तो ऐसी तबाही मचायी है कि भेल्दी के करीब सौ गांवों का अमनौर, परसा व गड़खा प्रखण्ड मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है।

मालूम हो कि छपरा-मुजफ्फरपुर एनएच 722 पर चांदचक, राजाचौक, सरायबक्स के समीप चार फीट पानी बह रहे हैं। एनएच पर पानी के तेज बहाव के बाद भी कुछ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर वाहन व बाइक से आवागमन कर रहे हैं। प्रतिदिन पानी में बाइक के लेकर बाइक सवार गिरकर जख्मी हो रहे हैं। बावजूद वे आवागमन से बाज नहीं आ रहे हैं। चारों तरफ से बाढ़ के पानी से गांव घिर जाने से सबसे ज्यादा परेशानी माल-मवेशियों व मरीजों को हो रही है। चारे के अभाव में मवेशी प्रतिदिन मर रहे हैं। मवेशियों के मरने से पशुपालक काफी चिंतित हैं।
रायपुरा-मुड़ा रसूलपुर सड़क के बीच मही नदी पर बनी मलाही पुल के ऊपर से चार फीट पानी के बहाव के कारण पुल पूरी तरह डूब चुका है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। वहीं महरूआ में करीब 100 फीट की दूरी में सड़क पर करीब छह फीट पानी के तेज बहाव के बाद ग्रामीण पेड़ में बंधे मोटे रस्सी के सहारे जान को जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं और इस दौरान रोज कई लोग गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं।
अमनौर प्रखण्ड के भेल्दी थाने के भेल्दी, सोनहो, पचरूखी, पैगा मित्रसेन, शोभेपुर, कटसा, कोरेयां, मदारपुर, तरवार, परसा, रायपुरा आदि पंचायतों में बाढ़ की स्थिति काफी भयावह हैं। इन पंचायतों के तकरीबन सभी गांवों में लोगों के घरों में पानी घुसने से स्थिति काफी बदतर हो गई है। सरकारी स्तर पर कोई सहायता नहीं मिलने से बाढ़ पीड़ितों में प्रशासन के प्रति काफी नाराजगी है। मदारपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि उमेश सिंह व अन्य लोगों का आरोप है कि अमनौर सीओ से संपर्क करने पर अक्सर उनका मोबाइल स्वीच ऑफ बताता हैं।  बाढ़ पीड़ितों की स्थिति सांप-छुछुंदर की तरह हो गई है, जिये तो भाग्य से और मरे तो भाग्य से।

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