जांच टीम के साथ बदसलूकी किए जाने को लेकर प्रबंधन हुआ गंभीर

सुपौल। वैश्विक महामारी कोरोना काल में जहां एक तरफ केन्द्र व राज्य सरकार सभी नागरिकों से अपील कर रही है कि कोरोना जांच टीम को सहयोग करें। वहीं दूसरी तरफ कुछ सरकारी कर्मी ही कोरोना जांच में व्यवधान डाल रहे हैं। मामला राघोपुर थानांतर्गत दुर्गापुर का है। पिछले दिनों दुर्गापुर के वार्ड नंबर 11 और 12 में तीन लोगों को जांचोपरांत कोरोना पॉजिटिव पाया गया और गांव में लोग भयभीत हो गए। स्थानीय लोगों ने राघोपुर रेफरल अस्पताल से आग्रह कर कोरोना जांच टीम को गांव आकर जांच करने का आग्रह किया। हेल्थ मैनेजर मुकेश कुमार के नेतृत्व में जांच टीम शनिवार सुबह गांव पहुंच कर गाड़ी खड़ी कर मेन रोड के समीप ही जांच शुरू की और करीब एक सौ लोगों की जांच हो चुकी थी। धूप तेज होने के कारण लोगों ने जांच टीम को पोस्ट ऑफिस के सामने बरगद पेड़ के नीचे छांव में जांच जारी रखने का आग्रह किया और फिर जांच जारी रखी गई। इतने में पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी अखिलेश कुमार यादव बाहर निकल कर कोरोना जांच टीम को कड़े शब्दों में वहां से हट जाने को कहा और बोला कि इस जगह हमलोगों को मोटरसाइकिल पार्किंग करना है। साथ ही अखिलेश यादव ने वहां उपस्थित लोगों को कोरोना जांच हेतु भड़काने की भी कोशिश की। इस हेतु उपडाकपाल ने चिकित्सा प्रभारी राघोपुर डॉ दीपनारायण को बताया कि जांच टीम हाफ पैंट और टी-शर्ट पहन कर जांच कर रहे थे और उक्त स्थान पर जांच करने के संबंध में पूर्व में कोई सूचना नहीं दी गई थी। हेल्थ मैनेजर मुकेश कुमार सहित जांच टीम के सदस्य ने चिकित्सा प्रभारी राघोपुर को सारी घटना की लिखित जानकारी दी। उसके बाद चिकित्सा प्रभारी ने भी उपडाकपाल को पत्र लिख डाकघर के कर्मी के कृत्य के लिए एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1987 के सेक्शन 2 के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है।

चिकनी गांव में आग लगने से तीन दुकान जलकर राख यह भी पढ़ें
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार