बिहार में भी रामधारी साहित्य संघ का होगा गठन

बिहार में भी रामधारी साहित्य संघ के गठन की कवायद शुरू हो गयी है। रामधारी साहित्य से जुड़े व इसमें रुचि रखने वाले लोगों को अभियान चलाकर जोड़ा जाएगा। यूपी में इसके लिए अभियान शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के लम्मूवा विधानसभा के विधायक देव मणि द्विवेदी ने बिहार की जिम्मेदारी फिलहाल कांग्रेस नेता मनोज पांडेय को दी है और इसके लिए 'छपरेश' का संबोधन भी किया है। बिहार में इसकी जिम्मेदरी के लिए अन्य लोगों को भी जोड़ा जायेगा ताकि एक बेहतर साहित्यिक मंच बन सके।

मालूम हो कि विधायक रेल यातायात में आईआरटीसी की नौकरी छोड़कर राजनीति में आये हैं। उनके लखनऊ स्थित आवास पर संघ के ढांचे पर विचार विमर्श के साथ इस गठन का निर्णय लिया गया। इस दौरान रामधारी साहित्य की एक पुस्तक भी कांग्रेस नेता को भेंट की। इस अवसर पर मुन्ना शाही समेत कई गणमान्य थे।
मौके पर विधायक ने कहा कि रामधारी सिंह 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओं में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल शृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है।

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