एपीएफ ने बदले की भावना से पीटा

सीतामढ़ी। महेश दोपहर में टोकरी में मिट्टी का बर्तन लेकर मां और बहन के साथ सोनबरसा साप्ताहिक हाट बाजार में बेचने जा रहा था। इसी दौरान लालबंदी और बसतपुर पुल के पास एपीएफ के जवानों ने रोका। टोकरी पटक दी और युवक को डंडे से बुरी तरह पीटा। महेश बेहोश हो गया। इसके बाद टोकरी में रखे बर्तन को पटककर फोड़ दिया। मोबाइल छीनकर पानी में फेंक डाला। एपीएफ के जवान नो मेंस लैंड पर होने के आरोप में उसकी पिटाई करने लगे। जबकि, युवक की मां और बहन ने बताया कि इसी रास्ते लोग सोनबरसा साप्ताहिक हाट बाजार आते -जाते हैं। एपीएफ ने बदले की भावना से पिटाई की है। इस बीच बाजार जा रहे लोगों ने पिटाई होते देख गांव में सूचना दी। गांव वालों के साथ बॉर्डर पर तैनात एसएसबी के जवान दौड़े। महेश को बसतपुर गांव के एक निजी हॉस्पीटल में लाया। इसके बाद सोनबरसा पीएचसी लाया। जहां से सीतामढ़ी सदर अस्पताल भेजा गया।

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दो ने भागकर बचाई जान : महेश की पिटाई के कुछ देर बाद उसी स्थान पर नागेंद्र शर्मा को भी पीटा। जबकि, राजदेव पटेल और धीरेंद्र कुमार भागकर जान बचाई। यहां से कुछ दूरी पर बीडीओ और थानाध्यक्ष महेश की पिटाई मामले में घटनास्थल का मुआयना कर रहे थे। नागेंद्र की पिटाई होते देखकर दोनों दौड़े। एपीएफ से बहस हुई। गांव के लोग भी दौड़े तो एपीएफ के जवान निकले।
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दो माह पहले भी हुई थी घटना :
गौरतलब है कि सोनबरसा थाना क्षेत्र की पिपरा परसाइन पंचायत में लालबंदी स्थित जानकी नगर बॉर्डर पर 12 जून को एपीएफ ने फायरिग की थी। इसमें एक भारतीय युवक की मौत हो गई थी। चार लोग घायल हुए थे। घटना के बाद आक्रोश भड़का था।
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कोट
घटना को लेकर नेपाल पुलिस प्रशासन ने दुख व्यक्त करते हुए माफी मांगी है। साथ ही आश्वस्त किया कि दोषी एपीएफ जवानों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है।
ओमप्रकाश, बीडीओ, सोनबरसा ( सीतामढ़ी)
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Posted By: Jagran
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