छपरा: जनप्रतिनिधियों ने सुध नहीं ली तो बाढ़ पीड़ित बांस के पुल बनाने में जुटे

बिहार के सारण जिले के अमनौर प्रखण्ड के रायपुरा पंचायत के महरूआ के  बाढ़ पीड़ितों की सुधि जब प्रशासनिक पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने नहीं  ली तो बाढ़ पीड़ितों ने स्वयं को पानी की तेज धार में बांस का पुल बनाने को ठानी।

मंगलवार को सैकड़ों ग्रामीण जुटे और नौजवान जितेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में बांस का पुल बनाने में जुट गए।देर रात तक पुल बनकर तैयार हो जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले पांच दिनों से रायपुरा-मुड़ा रसूलपुर सड़क के  बीच महरूआ नहर के समीप बाढ़ की तेज धार में सड़के टूट गई और करीब पचास फीट की दूरी में पांच फीट पानी बहने लगे।पानी की तेज धार को देख ग्रामीणों ने पेड़ में मोटे रस्सी को बांध दिय़ा जिसे पकड़ कर बाढ़ पीड़ित किसी तरह आवागमन करने लगे।
बाढ़ पीड़ित प्रशासनिक पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के यहां गुहार लगाते रहे मगर बनवाने की बात तो दूर कोई इनकी सुधि भी नहीं लेने आया। हार कर नौजवान जितेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में लोगों ने बांस का पुल बनाने में जुट गये। हालांकि पानी की तेज धार को लेकर बांस का पुल बनाने में ग्रामीणों को थोड़ी परेशानी हो रही है मगर मंगलवार की देर रात तक पुल बनकर तैयार हो जाएगा और बुधवार से बाढ़ पीड़ितों को आवागमन में सुविधा होगी।इस पुल के बनने के बाद करीब पचास गांव के बाढ़ पीड़ित लाभान्वित होगे।      
बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासनिक पदाधिकारियो के खिलाफ लगाए थे नारे
प्रशासनिक पदाधिकारियो व जनप्रतिनिधियों द्वारा महरूआ के बाढ़ पीड़ितों की सुधि नहीं लिए जाने से नाराज लोगों ने पानी की तेज धार में सड़क पर खड़े होकर ग्रामीण जयप्रकाश सिंह के नेतृत्व में प्रशासन के खिलाफ जमकर  नारे भी लगाए थे। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 11 अगस्त के अंक में भेल्दी के महरूआ में रस्सी के सहारे लोग पार कर रहे सड़क को प्रमुखता से प्रकाशित किया जिस खबर की लोगों ने काफी सराहना की।

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