..और खत्म हो गया परिवार का इकलौता वारिस

शिवहर। मंगलवार को किसी ने नहीं सोचा था कि इस तरह अमंगलकारी घटना होगी। गांव में कृष्ण जन्मोत्सव मनाने की तैयारी थी वहीं सुबह में ही दीपक कुमार की घरेलू विवाद में हुई मौत से न सिर्फ बैरिया बल्कि आसपास के गांव सहित समूचा जिला मर्माहत है।

रोज की तरह दीपक अपने घर के दैनिक कार्यों में लगा था इस बीच बातों ही बातों में बात बढ़ गई और चाचा ने भतीजे पर हमला कर दिया जो जानलेवा साबित हुआ और महज आधे घंटे में सब कुछ खत्म हो गया। स्व. अजय सिंह का आखिरी चिराग बुझ गया। स्वजनों और कुटुम्ब जन सबकी आंखों में आक्रोश और आंसू हैं। चिता कि अब इस परिवार का क्या होगा।

अजय सिंह मोबाइल टावर में काम कर किसी तरह परिवार का भरण पोषण करते थे किन्तु नौ साल पहले बीमार पड़े और स्वर्गवासी हो गए। ग्रामीणों का कहना था कि तब दीपक यही कोई 14 साल का रहा होगा। मां मंजू देवी ने कलेजा पर पत्थर रखा इस उम्मीद के साथ कि अब यही जीवन नैया का खेवनहार होगा लेकिन आज कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर आखिरी सहारा भी छिन लिया गया। अब घर में दो बेटियां क्रमश: माला कुमारी एवं प्रिया कुमारी हैं। वहीं दीपक के बुजुर्ग दादा रामबाबू कुंवर हैं जिनके आंसू नहीं थम रहे।
बैरिया गांव में आज मातम पसरा है। हर कोई इस घटना की निदा कर रहा वहीं दुख जता रहा। मृतक के परिजन के प्रति सहानुभूति जता रहे। शोकाकुल परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंच रहे लोग खुद भी रोने लग जा रहे।
Posted By: Jagran
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