विधान पार्षद सुनील सिंह ने कहा, बाढ़ में सरकार को आइना है लालू रसोई

सारण जिले के विभिन्न प्रखंडो में चल रहे सामुदायिक किचन की जगह लालू रसोई बाढ़ में नजीर साबित हो रहा है। बाढ़ में सरकार को आइना है लालू रसोई जबकिबाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कागजी तरीके से ही सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है। इस बात का खुलासा भी पिछले दिनों जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण में मशरक में हुआ था। इसमें दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई की बजाए सिर्फ स्पष्टीकरण पूछा गया।  यह बात राजद के नवनिर्वाचित विधान पार्षद सह बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह ने कही। विधान पार्षद ने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भले ही जेल में हैं लेकिन रसोई बाढ़ पीड़ितों के लिए  उनकी चिंता का परिणाम लालू रसोई मददगार साबित हो रही है। आरजेडी सुप्रीमो  की कर्मस्थली छपरा सहित अन्य बाढ़ ग्रस्त जिलों में  'लालू रसोई' शुरू की है। बाढ़ पीड़ितों को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। 

लालू रसोई की सही से हो रही मॉनिटरिंग
लालू रसोई विशेषताओं के बारे में विधान पार्षद ने कहा कि लालू रसोई की सही से मॉनिटरिंग होने के कारण यह बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। सुबह से लेकर देर रात तक राजद कार्यकर्ता लालू रसोई के लिए नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर रहे हैं और  भूखे लोगों को लालू रसोई में बनी खाद्य सामग्री को उपलब्ध करा रहे हैं। जिला प्रशासन के स्तर पर संचालित सामुदायिक रसोई में घटिया सामग्री का प्रयोग हो रहा है, जिस कारण प्रतिदिन कहीं न कहीं  हंगामा की स्थिति बन रही है। अमनौर सहित अन्य प्रखंडों मे सामुदायिक रसोई में गुणवत्तापूर्ण भोजन की मांग को लेकर रोड पर भी  लोग उतर चुके हैं। मतलब साफ है कि प्रबंधन के मामले में लालू रसोई  के सामने सामुदायिक किचन कहीं नहीं टिकता। 
पहले भी होती रही है सार्थक पहल
विधान पार्षद ने कहा कि पूर्व में भी संकट के समय बिस्कोमान के स्तर पर सार्थक पहल की गयी है। राज्य सरकार जब किसानों को उचित मूल्य पर यूरिया उपलब्ध नहीं करा रही थे तब  265 रुपये प्रति बोरा की दर से किसानों को बिस्कोमान ने यूरिया उपलब्ध कराया था। इसके अलावा प्याज संकट के समय भी जगह-जगह कैंप लगाकर बिस्कोमान के स्तर पर कम दाम पर लोगों को प्याज उपलब्ध कराया गया। साथ ही सेब की भी आपूर्ति कम दाम पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के निर्देश पर पहले हुआ है।

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