तंबू भी नहीं हो रहा बाढ पीड़ितों को नसीब

सिघिया। प्रखंड की जनता बाढ़ विभिषिका के कारण विस्थापित होकर ऊंचे स्थानों पर तम्बू लगा कर रह रहे हैं। वहीं कुछ लोगों को तम्बू भी नसीब नहीं हो रहा है। वे खुले आसमान में रहने को विवश हैं। एक ओर लोग जहां बाढ से परेशान हैँ, वहीं दूसरी ओर बारिश के कारण भी जनजीवन अस्त व्यवस्त हो गया है। खुले आसमान के नीचे रहने वाले बाढ पीड़ितों की परेशानी और बढ गई है। अंचल प्रशासन की ओर से अब तक सभी बाढ पीड़ितों के बीच पॉलिथीन शीट भी उपलब्ध नही कराया गया है, जिससे वे किसी तरह अपने परिवार के साथ रह सकें। इससे लोगों में आक्रोश है। राहत के नाम पर बाढ़ विस्थापित हुए कुण्डल 2 पंचायत के महरा, हरदिया, नीरपुर भररिया, बंगरहट्टा, विष्णुपुर डीहा, वारी आदि के लोगों को कुछ भी नहीं मिला है। कुण्डल-01 पंचायत में चलाए जा रहे राहत कार्य भी अपर्याप्त हैं। राजघाट के लोगों का कहना है कि सामुदायिक किचेन चालू होना आवश्यक हैं। तकरीबन 90 प्रतिशत यहां के लोग कृषि और मजदूरी पर आश्रित हैं। बाढ के कारण किसानों की फसल मारी गई वहीं मजदूरों को काम भी नहीं मिल रहा है। अंचलाधिकारी ने बताया की बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या काफी है। इस वजह से अभी तक सभी को पॉलिथीन शीट उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। वैसे पीड़ितों के खाते में राशि भेजने का काम जारी है।

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Posted By: Jagran
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