नई शिक्षा नीति से विद्यार्थी बनेंगे वैचारिक योद्धा: सिघल

संवाद सहयोगी, महनार :

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गुणवत्तापूर्ण एवं संस्कार युक्त शिक्षा के साथ रटने की व्यवस्था समाप्त कर विषय की समझ पर जोर दिया गया है, ताकि विद्यार्थी वैचारिक योद्धा बन सकें और उनमें नया विचार और समझ विकसित हो सके। यह बात अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिघल ने कही। वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक विमर्श विषय पर आयोजित बिहार और झारखंड के कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
सिघल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूल का स्ट्रक्चर बदला गया है। पुराने सिस्टम को खत्म कर 5+3+3+4 का सिस्टम लाया गया है। यह स्ट्रक्चर लचीला है। इससे विद्यार्थी का कौशल और विचार बढ़ेगा। इस शिक्षा नीति में विद्यार्थी को बहुआयामी प्रोग्रेस कार्ड दिया जाएगा, जिसमें विषय के साथ-साथ व्यवहार, दर्शन और सोच का भी विवरण होगा। इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी को 2030 तक विद्यालय से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।साथ ही सभी को शिक्षा के लिये समान अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
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उन्होंने कहा कि इस नीति में ओपन डिस्टेंस लर्निंग को बढ़ावा देने की भी बात है।इसमे लक्ष्य रखा गया है कि 12 वीं कक्षा तक विद्यार्थी को कम से कम दो स्किल का ज्ञान अवश्य हो। शिक्षा में सबको समान अवसर देने के कारण विद्यालय से ड्रॉप आउट रुकेगा। बैठक का संचालन महासंघ के बिहार प्रदेश महामंत्री पंकज कुमार ने किया। राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, बिहार झारखंड प्रभारी महेंद्र कुमार, राष्ट्रीय महामंत्री शिवानंदन सिन्दनकेरा, प्रदेश अध्यक्ष रजनीश कुमार, प्रदेश संयुक्त सचिव आलोक रंजन, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष श्याम बिहारी, महामंत्री मुन्ना कुमार, शिक्षा संवर्ग के प्रो. वीरेन्द्र सिंह, आइसी वर्मा, ज्ञानेंद्र नाथ सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।
Posted By: Jagran
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