एक आइसोलेशन सेंटर के सहारे 15 लाख की आबादी

समस्तीपुर। कोरोना संक्रमण को लेकर गांव के लोग आज भी सजग हैं। कस्बाई इलाके से लेकर राजधानी तक की व्यवस्था का बुरा हाल देख ग्रामीणों ने अपने आप ही अपनी सुरक्षा का जिम्मा थाम लिया है। बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है। वही गांव में सर्दी खांसी और बुखार होने पर जांच के लिए भी लोग एक दूसरे को प्रेरित करते हैं। यहां तक की जनप्रतिनिधि और समाजसेवी भी उन्हें जांच केंद्र तक निश्चित पहुंचाते हैं। विभिन्न गांवों पर नजर डाले तो गांव के लोग सरकार और स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था से क्षुब्ध हैं। लोगों का मानना है कि जब ओहदे और ऊंची पहुंच वालों तक का सही इलाज नहीं हो पा रहा है और इलाज के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं, तो फिर सामान्य लोगों की क्या बिसात। इस परिस्थिति में सुरक्षा और बचाव पर ही जोर देना होगा। प्रारंभिक दौर में विभिन्न स्तर पर जागरूकता अभियान निश्चित रूप से चलाया गया। लेकिन जब कोरोना की रफ्तार बढ़नी शुरू हुई तो अभियान की गति अत्यंत धीमी हो गई। कई गांव के लोग आज भी चंदा और अपने स्तर से साफ-सफाई तथा सैनिटाइजेशन का कार्य जारी रखे हुए हैं। कोरोना का नाम सुनकर ही पंचायत स्तर पर सैनिटाइजिग शुरू किया गया था। लेकिन जब धीरे-धीरे रूप विकराल हुआ तो जनप्रतिनिधि भी इसके प्रति उदासीन होने लगे हैं। बताते चलें कि रोसड़ा अनुमंडल की 15 लाख आबादी के लिए अनुमंडलीय अस्पताल परिसर स्थित एक आइसोलेशन सेंटर ही कार्यरत है। सरकार द्वारा प्रत्येक प्रखंड में आइसोलेशन केंद्र बनाने का निर्देश जारी किया गया था। लेकिन आज तक वह कागज पर ही दिख रहा है। इस व्यवस्था से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि कोरोना का प्रसार गांव की ओर बढ़ा तो निश्चित रूप से हाल बेहाल होगा।

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चिकित्सा व्यवस्था पर नजर
प्रखंड चिकित्सा व्यवस्था पर नजर डालें तो प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक निश्चित रूप से प्रतिदिन बैठते हैं। लेकिन वहां भी समुचित दवा का अभाव ही रहता है। इसके अलावा अतिरिक्त एवं उप स्वास्थ्य केंद्र पर व्यवस्था नाम की कोई चीज ही नहीं है। अनुमंडल का सुदुरवर्ती बिथान प्रखंड हो या सिघिया, शिवाजीनगर, हसनपुर और विभूतिपुर के गांव के कोरोना मरीजों के लिए एकमात्र व्यवस्था अनुमंडलीय अस्पताल स्थित आइसोलेशन सेंटर ही है। वर्जन
कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल परिसर स्थित आइसोलेशन सेंटर में ही किया जाता है। वही होम क्वॉरंटाइन में रहने वाले संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा उनके घर जाकर दवा उपलब्ध कराई जाती है। हालांकि पीएचसी एवं अन्य केंद्रों पर कोरोना से संबंधित दवा की कोई व्यवस्था नहीं है। डॉ उपेंद्र राम प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रोसड़ा
Posted By: Jagran
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