सारण में नए इलाकों में बढ़ रहा है पानी



जागरण संवाददाता, छपरा :
सारण जिले में नए इलाकों में बाढ़ का पानी बढ़ रहा है। वही पानापुर एवं तरैया प्रखंड में पिछले दो दिनों पानी घट रहा है। लेकिन नेपाल के पानी छोड़ने से गंडक में पानी फिर तेजी से बढ़ने लगेगा है। जिससे लोगों में दशहत का माहौल है। वहीं प्रशासन पानी घटने पर सामुदायिक रसोई बंद कर रही है। जिसका गांव के लोग विरोध कर रहे है। सारण के नौं प्रखंड के 102 पंचायतों के 460 गांव बाढ़ से प्रभावित है। जिसमें 7.10 लाख की आबादी है। जिले के तरैया, मशरक, मकेर, परसा, मढ़ौरा,अमनौर, इसुआपुर,पानापुर, गड़खा प्रखंड बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में प्रशासन ने एनडीआरएफ व पुलिस की टीम 286 नाव एवं 19 मोटर वोट बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में चल रहे है। इनसेट

सारण में बाढ़ व बचाव कार्य एक नजर में :
- 09 प्रखंड के 102 पंचायत के 460 गांव बाढ़ प्रभावित
- 07 लाख 10 हजार चार सौ 95 लोग बाढ़ के पानी से है प्रभावित
- 186 नाव व 19 मोटर वोट बाढ़ प्रभावित पंचायतों में चलाया जा रहा
-155 सामुदायिक रसोई चल रहा है बाढ़ प्रभावित गांव में
-94 हजार 613 लोगों को सामुदायिक रसोई में प्रतिदिन दिया जा रहा है भोजन
-05 एनडीआरएफ की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तैनात
-28 अस्थाई स्वास्थ्य केन्द्र चल रहा है
-0्र8 पशु कैंप में 2898 पशुओें का किया गया उपचार
- 56 क्विटंल पशु चारा बाढ़ पीड़ित पशु पालकों को दिया गया इंसेट करें:
गंडक नदी के जल स्तर में फिर होने लगी वृद्धि
संवाद सूत्र,पानापुर: गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एक फिर से मुश्किलें बढ़ने लगी है। बताया जा रहा है कि नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में पानी की वृद्धि होने से गंडक नदी के बाल्मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। बुधवार की शाम को गंडक नदी के जलस्तर में डेढ़ से दो फीट की वृद्धि हो गई। जिस कारण गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के फैजुल्लाहपुर गांव के समीप पूर्व से टूटे गंडक नदी के सारण मुख्य तटबंध से पानी बाहर आने लगा, जिससे बाढ़ प्रभावित पानापुर प्रखंड क्षेत्र सेमरी,सेमराहां, मुरलीमठ,बेतौरा,पीपरा बगडीहा, सतजोरा आदि गांवों में पानी का स्तर एक बार फिर से बढ़ने लगा है। इससे ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ गई है। ग्रामिणों ने बताया कि पिछले एक पखवाड़ा पूर्व आया बाढ़ का पानी कुछ कम हुआ था।जिससे अब धीरे धीरे जन जीवन समान्य होने लगी थी, लेकिन पानी के दूसरी बार आने से एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ गई है।
Posted By: Jagran
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