पढ़ें 16 अगस्त 2020 का पंचांग, आज है प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल एवं दिशाशूल

हिन्दी पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि और दिन रविवार है। आज के दिन प्रदोष व्रत भी है। आज आप शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करें, जो आपके लिए कल्याणकारी होगा। आज के पंचांग में राहुकाल, दिशाशूल, शुभ मुहूर्त के अलावा सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

आज का पंचांग
दिन: रविवार, भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, द्वादशी तिथि।
आज का दिशाशूल: पश्चिम।
आज का राहुकाल: शाम 04:30 बजे से 06:00 बजे तक।
विशेष: सूर्य की सिंह संक्रांति, मघा नक्षत्र में।
आज का पर्व एवं त्योहार: प्रदोष व्रत।
विक्रम संवत 2077, शके 1942, दक्षिणायन, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु, भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष द्वादशी 13 घंटे 51 मिनट तक तत्पश्चात त्रयोदशी, आद्र्रा नक्षत्र 07 घंटे 03 मिनट तक तत्पश्चात पुनर्वसु नक्षत्र, वज्र योग 07 घंटे 52 मिनट तक तत्पश्चात सिद्धि योग, मिथुन में चंद्रमा 24 घंटे 53 मिनट तक तत्पश्चात कर्क में।
प्रदोष व्रत पूजा का समय
आज शाम को 06 बजकर 59 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट तक।
सूर्योदय और सूर्यास्त
16 अगस्त को सूर्योदय सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर और सूर्यास्त शाम को 06 बजकर 59 मिनट पर होगा।
चंद्रोदय और चंद्रास्त
चंद्रोदय 17 अगस्त के तड़के 03 बजकर 36 मिनट पर होगा और चंद्र का अस्त उसी दिन शाम को 05 बजकर 02 मिनट पर होगा।
आज का शुभ समय
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक।
त्रिपुष्कर योग: आज सुबह 07 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 50 मिनट तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक।
अमृत काल: 17 अगस्त को सुबह 04 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 57 मिनट तक।
आज भाद्रपद कृष्ण द्वादशी है। इसे गोवत्स द्वादशी भी कहते हैं। इस दिन महिलाएं गाय और बछड़ों की पूजा करती हैं। यह पर्व पुत्र की मंगलकामना के लिए किया जाता है। इसे वही स्त्रियां करती हैं जिनका पुत्र होता है। भाद्रपद मास के 12वें दिन आज आप कोई नया कार्य करना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें।

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