रेलवे के निजीकरण पर कर्मियों में उबाल, आंदोलन की चेतावनी

दरभंगा। रेलवे के निजीकरण का विरोध शुरू हो गया है। रेल कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने करने की चेतावनी दी है। इस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की हुई बैठक में यह घोषणा की गई। केंद्रीय उपाध्यक्ष डीसी मिश्रा की अध्यक्षता और दरभंगा शाखा अध्यक्ष मनोज कुमार यादव के संचालन में हुई बैठक में निजीकरण के फैसले का विरोध किया गया। केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने की घोषणा की। केंद्रीय उपाध्यक्ष मिश्रा ने कहा सरकार व्यवस्था को स²ढ़ करने में नाकाम है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए निजीकरण पर बल दे रहा है। इससे रेल कर्मियों को ही नहीं बल्कि, आम यात्रियों को भी परेशानी होगी। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रेलवे को निजी ऑपरेटरो को सौंपना और उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा महंगाई भत्ता को रोक दिया गया है। पूराने पेंशन को चालू नहीं किया जा रहा है। रिक्त पदों पर नई नियुक्ति नहीं हो रही है। 50 प्रतिशत पद को सरेंडर कर दिया गया है। सरकार को अपने जिद को छोड़ना होगा। आम यात्रियों और रेलवे कर्मियों के हित में काम करना होगा। अन्यथा विरोध जारी रहेगा। कहा निर्धारण समय से अधिक देर तक कर्मियों से काम लिया जा रहा है। लेकिन, उन्हें भत्ता नहीं दिया जा रहा है। रात्रि भत्ता में कटौती कर दी गई है। इस अधिकार की लड़ाई संगठन किसी भी हद तक लड़ने को तैयार है। बैठक में हरेराम पासवान, सुरेंद्र राम, ऋषिी यादव, कैलाश राय आदि शामिल थे।

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Posted By: Jagran
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