स्त्रियां अखंड सौभाग्य व कन्याएं मनोनुकूल वर प्राप्ति की कामना को ले करती है तीज व्रत

मोतिहारी। हरितालिका(तीज) व्रत 21 अगस्त शुक्रवार को किया जाएगा। भाद्रपद मास शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्यवती स्त्रियां अपने अखंड सौभाग्य एवं पति के दीर्घायुष्य व अविवाहित कन्याएं मनोनुकूल वर प्राप्ति की कामना को ले तीज का व्रत श्रद्धापूर्वक करती है। उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय ने दी। उन्होंने बताया कि जैसे नक्षत्रों में चंद्रमा, ग्रहों में सूर्य, वर्णों में ब्राह्मण, देवताओं में विष्णु, नदियों में गंगा, पुराणों में महाभारत, वेदों में सामवेद और इंद्रियों में मन श्रेष्ठ है। इसी तरह स्त्रियों की सौभाग्य रक्षा के लिए सभी व्रतों में तीज श्रेष्ठ है। व्रत के दिन नित्यक्रिया से निवृत्त होकर उपवास रहते हुए शिव सहित पार्वती की विधिवत पूजन करना चाहिए तथा रात्रि जागरण करते हुए स्तुति पाठ या मंगलगीत का गायन करना जरूरी है। दूसरे दिन बांस के पात्र (डलिया) में अन्न, वस्त्र, फल एवं दक्षिणा आदि रखकर ब्राम्हण को दान देने के बाद पारण करना चाहिए। प्राचार्य पांडेय ने बताया कि जो स्त्रियां इस व्रत को करतीं हैं तथा कथा का श्रवण करतीं हैं वह समस्त पापों से मुक्त हो जाती है तथा उसे सब प्रकार के सांसारिक भोग, सुख, ऐश्वर्य और सायुज्य की प्राप्ति होती है। साथ ही एक हजार अश्वमेध एवं सैकड़ों वाजपेय यज्ञ के बराबर फल की प्राप्त होता है।

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श्रीगणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से लगता है कलंक : शास्त्री
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- भूलवश चंद्रमा दिखने पर सिंह प्रसेन मंत्र का जाप करना होगा लाभदायक
जासं, मोतिहारी : सिद्धि विनायक वैनायकी वरद् यानि श्री गणेश चतुर्थी का व्रत 22 अगस्त शनिवार को किया जाएगा। आज के ही दिन ढेलहिया चौथ का भी मान होगा। उक्त बाते प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित धनंजय शास्त्री ने कही। श्री शास्त्री ने बताया कि आज के दिन चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए। क्योंकि शास्त्रोक्त ऐसी मान्यताएं है कि इस रोज चंद्रमा को देखने से कलंक लगता है। यदि भूल से चंद्रमा दिख जाए तो सिंह प्रसेन मंत्र का जाप कर तथा श्रीमछ्वागवत से सम्यंतक मणि की कथा सुन कर दोष को शांति करना चाहिए। वही श्री ऋषि पंचमी का व्रत 23 अगस्त रविवार को करना बेहतर फलदाय होगा। इस रोज मध्याह्न काल में सप्तऋषियों का पूजन करना बेहतर होगा। वही अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं तीज का व्रत 21 अगस्त को करेंगी। यह व्रत गौरी तृतीया, बृहद गौरी व निर्जला व्रत के रूप में भी मनाया जाता है। सौभाग्यवती स्त्रियां पति की लंबी आयु व अपने भाग्य को बनाए रखने के लिए तो कन्याएं अपने भावी दाम्पत्य जीवन को सौभाग्यपूर्ण बनाने के उद्देश्य से इस व्रत को श्रद्धा व विश्वास के साथ करती है।
Posted By: Jagran
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