उर्वरक कालाबाजारी मामले में जांच टीम गठित

शेखपुरा: जिला में उर्वरक की बिक्री की निगरानी के लिए दो स्तरों से निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए डीएम तथा कृषि विभाग ने अलग-अलग टीमें बनाई है। दोनों टीमें उर्वरक के उठाव से लेकर उसकी बिक्री की जांच करेगी। जिले कृषि पदाधिकारी ने बताया डीएम द्वारा बनाई गई कमेटी जिला में उर्वरक की खरीद करने वाले किसानों की भौतिक जांच करेगी। उधर बताया जा रहा है अधिकारी सही से इसकी जांच कर दें तो बड़े-बड़े दुकानदारों की गर्दन इसमें फंस सकती है। इस मामले में थोक विक्रेता स्तर से ही कालाबाजारी का मामला उठता रहा है। कृषि विभाग द्वारा गठित कमेटी दुकानों में पॉश मशीन के इस्तेमाल की जांच करेगी। बताया गया डीएम ने हर दुकान से वैसे 20 किसानों की सूची संग्रह करने का निर्देश दिया है,जो किसान सबसे अधिक उर्वरक की खरीद की है। जांच टीम किसानों की सूची लेकर उसकी भौतिक जांच करेगी। इस जांच में यह भी देखा जायेगा अधिक उर्वरक खरीदने वाला किसान के पास खेती की जमीन कितनी है। कृषि विभाग की जांच टीम हर उर्वरक दुकान में इस बात की जांच करेगी कि पॉश मशीन तथा किसान के आधार नंबर का इस्तेमाल हुआ है या नहीं। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया नई व्यवस्था में बिना आधार नंबर तथा पॉश मशीन के किसी को उर्वरक नहीं बेचना है। बताया गया जिला में दोनों टीमें अपना काम शुरू कर दिया है। इस जांच में कई बड़ी मछलियों के फंसने की अटकलें भी लगाई जा रही है। जानकार बताते हैं उर्वरक की बिक्री में जिला में बड़ा खेल खेला जा रहा है। निर्धारित कीमत से अधिक की वसूली के साथ दूसरे के आधार नंबर का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।

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Posted By: Jagran
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