बढ़ते संक्रमण के प्रति सजग नहीं बाजारवासी

अरवल : तु डाल-डाल,हम पात-पात वाली कहानी इस बार वाली लॉकडाउन के दौरान प्रशासन,व्यवसायी एवं आम लोगों के बीच खूब देखने को मिल रही है।इधर लॉकडाउन को लेकर प्रशासन के द्वारा मात्र चार घंटे दुकान खोलने की बात कही जा रही है वही दुकान सुबह से देर रात तक दुकान खोलकर बैठे रह रहे हैं।इधर प्रशासन लाउडस्पीकर के माध्यम से लॉकडाउन के पालन करने सहित दुकानों के खोलने की अवधि का प्रचार प्रसार करा रही है उधर व्यवसायियों के कानों पर इसका कोई असर नही दिख रहा है।पिछले दिनों तीज पर्व के अवसर पर स्थानीय करपी,शाहरतेलपा सहित अन्य छोटे हाट कस्बों में काफी भीड़ देखा गया।कपड़े एवं श्रृंगार की दुकानों पर खूब भीड़ देखी गई।व्यवसाइयों के साथ साथ आमलोगों ने भी पर्व के नाम पर लॉक डाउन की जमकर धज्जियां उड़ाई।इधर प्रशासन सब देखकर भी मौन साधना में व्यस्त है।एक सामाजिक कार्यकर्ता ने लॉक डाउन में प्रशासन द्वारा पहले जैसा दिलचस्पी नही लेने के सवाल पर कहा कि विधान सभा चुनाव के नजदीक होने के कारण सरकार प्रशासनिक स्तर पर लोगों से अच्छे संबंध रखने की हिदायत देती है।सरकार के द्वारा प्रशासन को ऐसा कुछ भी नही करने को कहा जाता है जिससे जनता का सरकार के प्रति नफरत का भाव पनपे।इधर प्रखण्ड स्वास्थ्य विभाग करपी के कोरोना जांच के आंकड़ों पर गौर करें तो रोज औसतन तीन से चार पॉजिटिव केस मिल रहे हैं।अभी भी बहुत से लोग जांच से कतरा रहे है,जिसके कारण लक्ष्य से कम जांच हो रहा है।स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने जनप्रतिनिधियों के आड़े हाथ लेते हुए बताया कि लोग समाज सेवा के लिए जनप्रतिनिधि बनते हैं। वही इस महामारी में जनप्रतिनिधियों के द्वारा थोड़ा सा भी सहयोग नही मिल रहा है।दूसरी तरफ बैंकों,आरटीपीएस केंद्र एवं जनवितरण के दुकानों पर लोगों के द्वारा शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

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Posted By: Jagran
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