आपदाकाल में भी कालाबाजारी, किसानों की टूट रही कमर

समस्तीपुर। कृषि विभाग की ओर से भले ही जिले में यूरिया, डीएपी का भंडार होने के दावे किए जा रहे हो, लेकिन सरकारी और निजी खाद की दुकानों पर यूरिया की कमी बताकर किसानों को लौटाया जा रहा है। वहीं, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों पर यूरिया की कालाबाजारी हो रही है और किसानों को महंगे दामों पर यूरिया की बिक्री की जा रही है। आपदाकाल में यह कालाबाजारी किसानों को कमर तोड़ने का काम कर रही है। कोरोना आपदा, प्राकृतिक मार-बाढ़ और ओलावृष्टि से पहले ही किसान टूट गया है।

सरकारी स्तर से यूरिया का मूल्य 266.50 रुपये निर्धारित है, जबकि डीएपी को एमआरपी रेट पर बिक्री करने के आदेश है। इसके बावजूद किसानों को निर्धारित मूल्य से अधिक दामों पर यूरिया व डीएपी मिलती है, जिससे किसान परेशान रहते हैं। किसानों का कहना है कि वर्तमान समय में बाढ़ की वजह से मक्का व धान खेतों में ढूब चुकी है, जबकि गन्ना की बोआई होनी है। इसके लिए यूरिया व डीएपी की आवश्यकता है। जिन सहकारी समितियों पर यूरिया उपलब्ध है, वहां पर 266.50 रुपये के स्थान पर पांच से 10 रुपये प्रति बोरी अतिरिक्त दामों पर यूरिया की बिक्री की जा रही है। इसी तरह निजी दुकानों पर किसानों से 266.50 रुपये के स्थान पर 300 से लेकर 350 रुपये तक प्रति बोरी यूरिया वसूल किए जा रहे हैं। किसानों को अधिक कीमत पर खरीदने की मजबूरी

खानपुर निवासी अमरेंद्र झा ने बताया कि निजी दुकानों पर यूरिया के लिए तीन सौ से लेकर साढ़े तीन सौ रुपये तक प्रति बोरी वसूल किए जा रहे हैं। समिति पर 270-275 रुपये में यूरिया की बोरी मिल रही है। पूसा निवासी सुनील कुमार ने बताया कि डीएपी एमआरपी मूल्य से अधिक रुपये में बेची जा रही है। डीएपी के लिए किसानों से 1200 रुपये प्रति बोरी लिए जा रहे हैं। कालाबाजारी मामले में सात की लाइसेंस रद
जिले में खाद की कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई भी की जा रही है। इसको लेकर वित्तीय वर्ष 2020-21 में पिछले चार महीने में सात की लाइसेंस रद की जा चुकी है। जिला कृषि पदाधिकारी स्तर पर मामले की जानकारी कराने के बाद कार्रवाई की जाती है। वर्जन
खाद की कालाबाजारी मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक शिकायत मिलने पर सात का लाइसेंस रद कर दिया गया है। किसानों को निर्धारित मूल्य पर यूरिया व डीएपी दिलाई जा रही है।
विकास कुमार,
जिला कृषि पदाधिकारी, समस्तीपुर।
Posted By: Jagran
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