उजड़े चमन में संत ने खिलाए फूल, राष्ट्रपति भवन तक पहुंची खुशबू

बेगूसराय : ठान लिया था, इसलिए यह सफलता मिली है। डर भला किसे नहीं लगता, बाहर वालों के लिए यहां आने में थोड़ा डरते थे, अब माहौल बदल चुका है। गलत रास्ते पर आगे बढ़ने वाले भी लौटने लगे, बच्चों को संतान का दर्जा देने लगे हैं, यही हमारी सबसे बड़ी जीत है। ये कहना है जिला के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शामिल वीरपुर के खरमौली हाईस्कूल के एचमए संत कुमार सहनी का। संत कुमार सहनी का चयन राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए किया गया है। कौन हैं संत कुमार सहनी

1994 बैच के बीपीएससी शिक्षक संत कुमार सहनी ने 2004 में मिडिल स्कूल खरमौली में योगदान दिया था। स्कूल की टूटे-फूटे भवन, जहां बच्चों से अधिक असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता था और इलाके में नक्सलियों का ऐसा वर्चस्व था कि सुधार की आवाज हमेशा दबा दी जाती थी। संत बताते हैं कि डरते-डरते स्कूल ज्वाइन की। जितने बच्चे नामांकित थे, उसके आधे से भी कम बच्चों की उपस्थित हो पाती थी। मात्र चार कक्ष थे, एक में आफिस बना था, नामांकित 123 बच्चों के लिए तीन कक्ष संचालित होते थे। क्या है उनकी उपलब्धियां
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अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान व शिक्षा विषय में एमए संत कुमार सहनी बताते हैं कि 123 बच्चों को बढ़ाकर 1336 बच्चों पर ये संख्या पहुंचाई। 2012 में इसे उत्क्रमित हाईस्कूल का दर्जा दिलाया। 2013 में मुख्यमंत्री द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय का अवार्ड इस स्कूल को मिला। 2015 में शतप्रतिशत मैट्रिक रिजल्ट के लिए इस विद्यालय को सम्मानित किया गया। वे बताते हैं कि विद्यालय में नामांकन के बाद 15 दिनों के अंदर बच्चे को अक्षरों की पहचान और दो माह के अंदर उसे लिखने-पढ़ने में सक्षम बना दिया जाता है। बच्चों को भाषण कला विकसित किया जाता है। इसमें बच्चों को लगातार दो मिनट से ज्यादा बोलने पर इनाम दिया जाता है। इससे बच्चे लगातार 20-20 मिनट तक बोलते रह जाते हैं। वहीं बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार देने की पूरी व्यवस्था की गई है। 2019 में बेगूसराय से पहले विद्यार्थी गौतम कुमार का चयन राष्ट्रीय बालश्री सम्मान के लिए किया गया है। शानदार पुस्तकालय भवन और उसमें हजारों पुस्तकों की व्यवस्था की गई है। जिससे विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलता है। राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृति, विज्ञान प्रदर्शनी, खेल-कूद, कबड्डी, क्रिकेट, शतरंज आदि में बहुत सारे विद्यार्थियों ने जिला से राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल की है। कहते हैं डीईओ-डीपीओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण और डीपीओ माध्यमिक राज कमल कहते हैं कि ये जिला के लिए बड़ी उपलब्धि है। संत कुमार सहनी के कार्य काबिल-ए-तारीफ हैं। उनसे दूसरे शिक्षकों को प्रेरणा लेनी चाहिए। वे कहते हैं कि बेगूसराय में और भी कई मेहनती एवं दायित्व के प्रति ईमानदार शिक्षक हैं, उन्हें जिला द्वारा लगातार सम्मानित किया जाता है। इस बार भी हम लोग सूची तैयार कर रहे हैं। जिन्हें शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया जाएगा।
Posted By: Jagran
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