जिले के मात्र 65.2 फीसद बच्चो का ही पूर्ण टीकाकरण

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : स्वास्थ्य विभाग बच्चों के शतप्रतिशत टीकाकरण को लेकर विशेष अभियान शुरू किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार जिले के 65.2 प्रतिशत बच्चों का ही पूर्ण टीकारण हुआ है। कोरोना और बाढ़ के खतरे के बीच जिले में टीकाकरण सेवाएं चालू कर दी गई हैं। लॉकडाउन अथवा संक्रमण के भय के कारण माताएं अपने शिशुओं को टीकाकरण के लिए अस्पताल ले जाने में संकोच कर सकती हैं, इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने समुदाय तक टीकाकरण सेवा पहुंचाने की योजना बनाई है। कोविड के मानकों का पालन करते हुए है संपूर्ण टीकाकरण की व्यवस्था

घाटकोसुंभा प्रखंड को पूर्व स्वरूप देने को आंदोलन का निर्णय यह भी पढ़ें
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि सम्पूर्ण टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसे ध्यान में रखते हुए जिला में कोविड के मानकों का पालन करते हुए सम्पूर्ण टीकाकरण की व्यवस्था की गयी है। जिला अस्पताल से लेकर आंगनबाड़ी केन्द्रों तक प्रशिक्षित चिकित्सक और एएनएम टीका देंगी। जन्म के बाद मां का पहला पीला गाढ़ा दूध नवजात के लिए प्रथम टीकाकरण का काम करता है। जिससे नवजात को कई जटिल रोगों से सुरक्षा प्राप्त होती है। नई बनी मां एवं परिवारजनों को आशा व ममता कर्मी शिशुओं के टीकाकरण के लिए लगातार जागरूक कर रही हैं।
------------------------
इन बीमारियों से होती है सुरक्षा
शिशुओं व गर्भवती महिलाओं का रूटीन इम्यूनाइजेशन, उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाता है। साथ ही टीकाकरण से बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है ताकि उनके रोग से लड़ने की क्षमता विकसित हो सके। बीमारियां जैसे खसरा, टिटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलाघोंटू, काली खांसी व हेपेटाइटिस बी आदि बीमारियों से यह बच्चों की सुरक्षा करता है।
------------------------
सरकार ने 2020 तक पूर्ण टीकाकरण का रखा है लक्ष्य
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -4 के अनुसार नालंदा जिला के मात्र 65.2 प्रतिशत बच्चे ही पूर्ण रूप से प्रतिरक्षित हैं। इस कारण सरकार ने 2020 के आखिर तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखा है।
------------------------
विश्व में हर साल 1.85 करोड़ बच्चे टीकाकरण से वंचित
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक साल विश्व भर में 1.85 करोड़ बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। इन वंचित बच्चों में प्रतिरक्षित बच्चों की तुलना में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम जाती है। इसलिए बच्चों में सही समय से टीकाकरण जरुरी है। टीकाकरण के कारण बच्चों का रोगों के संक्रमण से भी बचाव होता है। साथ ही समय से बच्चों को प्रतिरक्षित करने से बच्चों में होने वाली सामान्य रोगों में भी कमी आती है।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार