26 की बैठक में तय होगी परीक्षा की तिथि

आरा। बदलती हुई कोविड-19 की परिस्थितियां और छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा के साथ वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में एकेडमी कैलेंडर को दुरुस्त करने की तैयारी शुरू हो गई। आगामी 26 अगस्त को परीक्षा कमेटी की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें विवि के विभिन्न सत्रों की परीक्षा को आयोजित करने की रणनीति पर मंथन करेगा।

जानकार सूत्रों ने बताया कि सितंबर के अंतिम सप्ताह तक स्नातकोत्तर सेमेस्टर प्रथम सत्र 2019- 22 की परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके बाद यूजी की परीक्षा आयोजित की जाएगी। यूजीसी द्वारा छात्रों की परीक्षा 30 सितबर तक आयोजित कराने की गाइडलाइंस दी गई हैं। विवि प्रशासन जो भी परीक्षाएं आयोजित करेगा, यूजीसी के गाइडलाइंस व स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुझाई गई मानक संचालन प्रक्रिया के आधार पर करेगा। परीक्षाएं जीवन भर के लिए छात्रों के मूल्यांकन को विश्वसनीयता देती हैं। परीक्षा से ही उन्हें वह डिग्री मिलेगी, जिसके बलबूते वह आगे एडमिशन लेंगे या प्लेसमेंट लेंगे। विवि प्रशासन का मानना है कि उच्च शिक्षा स्तर में एकरूपता होना बेहद जरूरी है। इसके लिए ही गाइडलाइंस स्वीकार की जाती हैं और उनका अनुसरण किया जाता है। उन राज्यों को भी यूजीसी की गाइडलाइंस माननी चाहिए
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ओएमआर से होगी यूजी व पीजी की सभी परीक्षाएं
आरा: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन विभिन्न सत्रों के स्नातक-स्नातकोत्तर की परीक्षाएं यूजीसी के निर्देशानुसार आयोजित करेगा। यूजीसी ने विवि को ओएमआर (आप्टीकल मार्क रीडिग) के द्वारा परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है। सभी परीक्षाएं दो घंटे की होगी। छात्रों की संख्या को देखते हुए उसे दो शिफ्टों में लेने का निर्देश दिया है। इसके लिए विवि प्रशासन परीक्षा केंद्रों की तादाद दो गुना से तीन गुना बढ़ सकता है। परीक्षा में प्रश्न पत्रों को वैसा बनाया जाएगा, जिससे विद्यार्थी की मेधा को बेहतर ढंग से आंका जा सके। 26 अगस्त को कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में बैठक होगी। ओएमआर से करने के पीछे समय की बचत और अधिकतम 30 दिनों में रिजल्ट को जारी करना है।
बता दें कि राजभवन ने विवि प्रशासन को सितंबर तक रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया है। जुलाई में परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है। सूत्रों की मानें तो वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के लिए यह सबसे सुविधाजनक विकल्प होगा। चूंकि अन्य विकल्पों के चयन करने के लिए संसाधनों की प्रचुरता होनी चाहिए। वीर कुंवर सिंह विवि के पास उस गुणवक्ता के संसाधन नहीं है। पीजी में करीब 53 हजार व यूजी में 60 हजार छात्र-छात्राओं की परीक्षा आयोजित करना है।
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यूजीसी ने सुझाएं हैं विकल्प
कोरोना संकट के बीच विश्वविद्यालयों को अब उन प्रयोगों को भी आजमाने का मौका मिला है। जिन पर अमल को लेकर वे कभी हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। यूजीसी ने परीक्षा कराने के लिए ऑनलाइन, ओपेन बुक्स, एमसीक्यू (मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन), ओएमआर (आप्टीकल मार्क रीडिग) और ओपन च्वाइसेज जैसे विकल्प विश्वविद्यालयों के सामने रखे हैं। वहीं ऑनलाइन परीक्षा कराने में विवि कतरा रहे हैं। इसके पीछे छात्रों के पास संसाधन का अभाव होना प्रमुख कारण है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के ज्यादातर छात्र ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने के लिए साइबर कैफे की मदद लेते हैं। स्नातक व स्नातकोत्तर के तमाम छात्रों के पास कंप्यूटर व लैपटॉप की सुविधा नहीं हैं। हालांकि बीसीए, बीबीए, एमबीए सहित अन्य पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन परीक्षा कराई जा सकती है लेकिन इस परीक्षा को लेकर अध्यापकों ने अभी तक बयान जारी नहीं किया है। ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने में विवि के विद्यार्थियों को पसीने छूट गए। आलम है कि विवि में स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा फार्म भरने में दो माह से अधिक गुजर गए , लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका।
Posted By: Jagran
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