सेवा शर्त  की विसंगतियों को दूर करने की उठाई आवाज

सेवा शर्त  की विसंगतियों को दूर करने की उठाई आवाज

जेपीयू स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव ने सीएम से किया आग्रह
छपरा। हिंदुस्तान प्रतिनिधि
जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव व बिहार शिक्षा मंच के संयोजक प्रो रणजीत कुमार ने  मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से नई सेवा नियमावली की विसंगतियों को उजागर करते हुए उसे अविलंब दूर करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने विगत 5 साल से जिन न्यायोचित मांगों की पूर्ति हेतु संघर्ष किया था ,सरकार ने उसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर एक बार फिर शिक्षकों को निराश और अपमानित करने का काम किया है।न्यायालय ने भी सरकार को इन शिक्षकों को न्यायोचित वेतन देने की सलाह देकर गेंद सरकार के पाले में डाल दिया है। शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान और पुरानी सेवा शर्त का लाभ देने का फैसला पूरी तरह से सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है।बिहार में शिक्षा और शिक्षकों की गुणवत्ता बनाये एवम बचाये रखने के लिए पूर्ण वेतनमान व पुरानी सेवा शर्त को लागू करना वक्त का तकाजा है। नियमावली में संशोधन करते हुए शिक्षकों को पंचायती राज के नियंत्रण से मुक्त कर सहायक शिक्षक एवम राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए।पुरुषों को भी एक बार अंतरजिला स्थानांतरण का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए।इससे सरकार के ऊपर कोई वित्तीय भार भी नहीं पड़ने वाला है।इसके अलावा सेवा निरंतरता का लाभ भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया जाए।शिक्षकों को कालबद्ध प्रोन्नति एवम सेवांत लाभ के रूप में ग्रेच्युटी देना सुनिश्चित किया जाए।सामाजिक सुरक्षा के मद्देनजर पेंशन की व्यवस्था, सवैतनिक अध्ययन अवकाश समेत विभिन्न मांग पूरी करने से सरकार का सकारात्मक निर्णय राज्य,गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवम शिक्षक हित में निर्णायक साबित होगा।

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