वाणावर में रोपवे निर्माण की फिर सुगबुहाट

जहानाबाद : प्रसिद्ध पर्यटन स्थल वाणावर में रोपवे के निर्माण को लेकर फिर प्रशासनिक पहल शुरू हुई है। बताते चलें कि शिलान्यास के बाद वन विभाग तथा पर्यटन विभाग के बीच में तकनीकी समस्या के कारण रोपवे का कार्य अधर में लटक गया था। इसे लेकर वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिल रही थी। अब दोनों विभाग के बीच सामंजस्य स्थापित कर पुन: इस दिशा में प्रयास प्रारंभ किया गया है। सोमवार को इसे लेकर इंजीनियरों की टीम स्थल निरीक्षण करने पहुंचे। रोपवे के निर्माण की सुगबुगाहट फिर देखी जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 24 करोड़ की लागत से रोपवे के निर्माण की घोषणा की थी तबसे यहां के लोगों में इस बात की आस लगी थी कि इसका निर्माण आखिरकार कब प्रारंभ होगा। इस पर्यटन स्थल में देश विदेश के सैलानी भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। बौद्ध सर्किट से जुड़े रहने के कारण बोधगया तथा राजगीर आने वाले पर्यटक यहां आना भी चाहते हैं।पहाड़ की चोटी पर भगवान भोले शंकर की अवस्थित मंदिर जहां श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है वहीं प्राकृतिक रूप से इसके हरे भरे वादी सैलानियों को अपनी ओर खीचने का पर्याप्त क्षमता रखता है। इतना ही नहीं सतघरवा समेत कई मौर्यकालीन तथा अन्य एतिहासिक धरोहर यहां पुरातत्व वेताओं को शोध करने के लिए हमेशा आमंत्रित करते रहता है। देश विदेश के कई पुरातत्व वेता इस स्थान पर आकर रहस्यों की जानकारी हासिल करने के प्रयास करते रहते हैं। इन सभी के बीच रोपवे का निर्माण हो जाता है तो इस स्थल का विकास और तेजी से होगा। श्रद्धालुओं को आकर्षित करने में रोपवे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सैलानियों को इस तरह की आधुनिक सुविधा यहां और अधिक आकर्षित कर सकता है। बराबर के विकास की पहल से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। लोगों का मानना है कि इस स्थान के विकास के साथ-साथ आर्थिक गतिविधि भी इस इलाके में बढ़ेगी।


Posted By: Jagran
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