ऑनलाइन क्लास के नाम पर वसूली कर नहीं देते शिक्षकों को वेतन

लॉकडाउन के बाद से निजी स्कूल के शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। कई स्कूलों ने मार्च महीने से ही शिक्षकों को वेतन देना बंद कर दिया है। जबकि लगभग हर निजी स्कूल ऑनलाइन क्लास के नाम पर अभिभावकों से फीस वसूल रहा है। वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों के लिए मकान का किराया, भोजन व दवा का खर्च भी जुटा पाना मुश्किल हो रहा है। दरअसल इन शिक्षकों को स्कूल से जो सैलरी मिलती है उससे कहीं अधिक कोचिंग और ट्यूशन से इनकी कमाई होती थी। लेकिन, कोरोना काल में कोचिंग और ट्यूशन भी बंद चल रहे हैं। वहीं विकट समय में स्कूलों ने भी सैलरी देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में इन शिक्षकों के लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है। एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक ने बताया कि कई सालों से स्कूल में पढ़ा रहे हैं। लेकिन, बुरे समय में स्कूल ने भी साथ छोड़ दिया है। जबकि हर निजी स्कूल ऑनलाइन क्लास के नाम पर अभिभावकों से फीस वसूल रहा है। लेकिन, शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। वहीं शिक्षक भी नौकरी जाने भय से चुप लगाए बैठे हैं। ताकि स्थिति सामान्य होते ही फिर से नौकरी खोजने की जरूरत पड़े।

आर्थिक अभाव से शहर में रहने वाले कई शिक्षक परिवार के साथ अपने गांव चले गए हैं। वहीं जिनका कोई और ठिकाना नहीं है वे शहर के ही कपड़े, हार्डवेयर व किराना के दुकानों में काम करने को मजबूर हैं। ताकि किसी भी तरह परिवार का खर्च चल सके। गौरतलब है कि 13 मार्च से ही जिले में स्कूल बंद हैं।

अन्य समाचार