जीविका ने दिया भ्रष्टाचार के आरोप पर जांच का आदेश

बक्सर : पुराना भोजपुर स्थित तुलसी ग्राम संगठन के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जीविका के पदाधिकारियों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप की जांच की जाएगी। जीविका के बीपीएम इंद्रराज आनंद ने बुधवार को इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि जांच के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है, जो महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करेगी।

उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ग्राम संगठन का फेसबुक रजिस्टर तथा अन्य स्तरों पर जांच का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह स्वतंत्र इकाई है, लेकिन जीविका के स्टाफ खासकर फील्ड में काम करने वाले लोगों से पूछताछ की जाएगी। हालांकि, पिछले चार साल से कार्यरत तुलसी ग्राम संगठन तथा उससे जुड़े किसी भी स्वयं सहायता समूह को स्वरोजगार का अवसर प्रदान नहीं करने के सवाल पर स्वयं बीपीएम भी चुप्पी साध गए। उन्होंने कहा कि जीविका मात्र उत्प्रेरक का काम करती है, जबकि काम का अधिकार स्वयं सहायता समूह के पास है। उधर समूह की महिलाओं के साथ तुलसी ग्राम संगठन के अध्यक्ष पुष्पा देवी ने जीविका पर लगे आरोप की जांच स्वयं द्वारा किए जाने को गलत बताते हुए जिला पदाधिकारी से इस मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अभी भी कई अन्य ग्राम संगठन के पास ना तो रजिस्टर है और ना ही खाता और चेक बुक। महिला आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने उठाई आवाज
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राज्य महिला आयोग के पूर्व अध्यक्ष अंजुम आरा ने पुराना भोजपुर में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ हो रहे सौतेला व्यवहार तथा भ्रष्टाचार के आरोपों को बेहद गंभीरता से लिया है उन्होंने जीविका के डीपीएम अरुण कुमार से दूरभाष पर बात कर तत्काल मामले की गहराई से जांच एवं दोषी कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है उन्होंने कहा है कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं जो कतई उचित नहीं। जीविका का गठन महिलाओं का आर्थिक तथा सामाजिक उत्थान के लिए किया गया है, ऐसे माहौल में महिलाओं का मनोबल टूटेगा।
Posted By: Jagran
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